पीआर 24×7 का स्थापना दिवस, सफलता तथा गुणवत्ता को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी, फाउंडर अतुल मलिकराम ने दिया ये संदेश

कंपनी के योगदान पर बोले कंपनी के अधिकारी
टीम को संबोधित करते हुए पीआर 24×7 के फाउंडर अतुल मलिकराम ने कहा कि मैं अपनी टीम के सभी सदस्यों को उनके निरंतर समर्थन और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद् और बधाई देना चाहता हूं। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि यह मेरी टीम के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि पीआर 24×7 ने रीजनल पीआर में ऊँची उड़ान भरी है। साथ ही सभी क्लाइंट्स को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ। क्योंकि एक कमरे के ऑफिस से कंपनी की नींव रखकर पीआर 24×7 को आज देश की रीजनल पीआर की चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक बनाने में क्लाइंट्स का प्रत्यक्ष रूप से बहुत बड़ा योगदान रहा है। 16 वर्षों की यह बेहद सुंदर और साहसिक यात्रा रही है, भविष्य में भी क्लाइंट्स के साथ की कामना करता हूँ।
कंपनी के विस्तार के बारे में बात करते हुए पीआर 24×7 की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नेहा गौर ने कहा कि हम एक दशक से अधिक समय से अपने क्लाइंट्स के भरोसे को कायम रखने में समर्थ रहे हैं। हमारा आदर्श हमेशा से एक ही रहा है- हमारे क्लाइंट्स को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना। अपनी ब्रांड कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी की प्रभावशीलता को आगे बढ़ाते हुए, रीजनल मार्केट्स में अपनी साख बनाने के साथ ही अब हम डिजिटल और प्रिंट दोनों क्षेत्रों में महानगरों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।
वाइस प्रेसिडेंट, मीडिया मॉनिटरिंग ने कहा उज्जैन सिंह चौहान ने कहा कि पीआर 24×7 उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है, जो कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपने कर्मचारियों के मनोबल को बरकरार रखने का हुनर बखूबी रखती है। यही बात इस पंक्ति को जीवंत रखती है कि मुस्कुराइए, आप पीआर 24×7 में हैं।
वहीं, कंपनी की नींव के महज़ एक वर्ष के बाद से लेकर आज तक के जुड़ाव को लेकर वाइस प्रेसिडेंट पीआर फूल हसन ने कहा मुझे कंपनी से जुड़े 15 वर्ष हो चुके हैं। अपने इस शानदार सफर में मुझे लगभग हर एक विभाग का गहन अनुभव हो चुका है। यह कंपनी का समर्थन ही है, जो आज मैं इस मुकाम पर हूँ, और अपने भाइयों को अपनी तरह बेहतर जीवन देने में सक्षम हो पाया हूँ।
कंपनी को मिल चुके हैं कई बड़े पुरस्कार
उपरोक्त बातों को हम इस रूप में देख सकते हैं कि कंपनी ‘दीदी काम वाली’, ‘नो प्लास्टिक फ्लैग’, ‘से नो टू क्रैकर्स’, ‘आई लव बर्ड्स’, ‘नानी की पाठशाला’ और ‘हम होंगे कामियाब’ जैसे अभियानों के माध्यम से समाज को जागरूक करने के लिए हर क्षण तत्पर रहती है। शायद यही वजह रही है कि पीआर 24×7 को कई बड़े पुरस्कारों, जैसे- चाणक्य अवॉर्ड, कोविड हीरो अवॉर्ड, टेकबहीमोथ अवॉर्ड, तीन बार क्वालिटी मार्क्स अवॉर्ड आदि से सम्मानित किया जा चुका है। इसके 16वें स्थापना दिवस पर, कर्मचारियों ने अपने उम्दा प्रदर्शन को बरकरार रखने और अपना सर्वोत्तम देने का संकल्प लिया, ताकि कंपनी सतत प्रगति करती रहे। निस्संदेह, पीआर 24×7 का लक्ष्य इनोवेटिव ब्रांडिंग सल्यूशंस के माध्यम से सर्वोत्तम परिणाम प्रदान करके भारत में अग्रणी ब्रांड कम्युनिकेशन्स कंपनी के रूप में पहचान स्थापित करना है।
कंपनी दे रही है ये सेवाएं
रीजनल पीआर में अग्रणी संस्था, अपने कुशल प्रोफेशनल्स के साथ ब्यूटी तथा फैशन, कंज्यूमर ब्रांड, एंटरटेनमेंट, खाद्य तथा पेय, स्वास्थ्य तथा कल्याण, टेक्नोलॉजी, गैर-लाभकारी, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन्स और रेप्युटेशन मैनेजमेंट, क्राइसिस कम्युनिकेशन्स आदि सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को सेवाएँ दे रही है। पीआर 24×7 मीडिया मॉनिटरिंग एजेंसी के रूप में भी दशकों से सक्रीय है। दैनिक आधार पर, 1000 से अधिक कीवर्ड्स के साथ ही 500 से अधिक समाचार पत्रों और 50 से अधिक पत्रिकाओं की ट्रैकिंग में कंपनी की मजबूत पकड़ है।
इंसानियत से दूर होता जा रहा है इंसान: अतुल मलिकराम
PR 24×7 के फाउंडर अतुल मलिकराम ने कंपनी की स्थापना दिवस पर अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ इंसान भी बदल सा गया है। जैसे जैसे देश दुनिया आधुनिकता अपना रही है, वैसे वैसे इंसान अन्य प्राणियों और स्वयं इंसान से दूर होता जा रहा है। इंसान की सोच कुछ यूं हो चली है कि जो मैं कर रहा हूँ, बस वही सही है। अन्य इंसान में वह कमी ही आंकता है। आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ। लेकिन इस बात पर आप स्वयं एक बार विचार करेंगे तो जानेंगे कि यह कड़वा है, लेकिन सच है। नई पीढ़ी के लोग खुद में सिमट से गए हैं, जो सिर्फ स्वयं के बारे में सोचने पर विवश हो चले हैं। वहीं दूसरी ओर, यदि विश्वास की बात करें तो इंसान की सोच यहाँ आकर पूरी तरह उलट जाती है। अंजान इंसान पर विश्वास करने को इंसान मजबूर है, लेकिन अपने रिश्तेदार या मित्र पर भरोसा करने से पहले वह सौ बार सोचता है। हैरत की बात है कि उसने मजबूरी का तानाबाना इस कदर बुन रखा है कि अपनों के साथ रहने के बाद भी वह उनसे मीलों दूर है।
किसी भी प्रोडक्ट को लेने से पहले कई बार सोचते हैं
उन्होंने कहा कि इसे हम एक अजीब लेकिन चकित कर देने वाले उदाहरण से समझते हैं। जब भी कोई सेलिब्रिटी किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करता है, तो लोग इसे खरीदने के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं। लेकिन जब हमारा कोई रिश्तेदार या दोस्त नया बिजनेस स्टार्ट करता है, तो उसके प्रोडक्ट या सर्विस लेने में हम न जाने कितनी बार सोचते हैं, उस पर रिसर्च करते हैं, उसे जज करते हैं, और आखिर में यह कह कर प्रोडक्ट नहीं लेते कि यह बहुत महंगा है, या इसकी सर्विस अच्छी नहीं है।
खुद से भी करें सवाल
अतुल मलिकराम ने कहा कि-मैं यहाँ एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि जिन लोगों से हम कभी मिले नहीं हैं, जिन्हें हम ठीक से जानते तक नहीं हैं, जो पहले से ही सुख-सुविधाओं से समृद्ध जीवन जी रहे हैं, उन पर हम आँख बंद करके विश्वास कर लेते हैं। इसके विपरीत, हमारे ही समान सादी जिंदगी जीने वाले या यूं कह लें कि हमारे अपनों का ही साथ न देने के लिए हमारे पास लाखों कारण होते हैं। दरअसल ये कारण नहीं हैं, महज बहाने हैं, जी हाँ! सिर्फ बहाने। क्यों हम खुद से नहीं पूछते हैं कि ये हम क्या कर रहे हैं? हम क्यों नहीं समझते हैं कि हम अपनों को ही पीछे की ओर धकेल रहे हैं। हम कैसे किसी अंजान पर अपनों से ज्यादा विश्वास कर सकते हैं? क्यों यह विश्वास हम अपनों के प्रति नहीं बना पाते? अपने दरमियान एक बार जरूर झांके और स्वयं से ये सभी सवाल जरूर करें।
वोकल फॉर लोकल अभियान में छिपे में सारे जवाब
प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया वोकल फॉर लोकल अभियान इन सवालों के सारे जवाब समाहित किए हुए है। तो क्यों न हम इस पहल को ही बढ़ावा देकर अपनों के लिए कुछ अच्छा करें। जब कोई नया काम शुरू करता है, तो हजारों सपने बुनता है, अपनों से मिला स्नेह काम करने की ललक को दोगुना कर देता है। यही वह समय होता है जब आपका साथ उनकी हिम्मत बढ़ाने का काम करता है, और उन्हें नई ऊंचाइयों को छूने की राह मिलती है। भले ही आपको उस प्रोडक्ट या सर्विस की मौजूदा समय में जरुरत नहीं है, लेकिन आप उसे अन्य लोगों तक पहुंचाकर भी उसे सहयोग कर सकते हैं। इसलिए जब भी आपका कोई रिश्तेदार या मित्र अपने बिजनेस के बारे में पोस्ट करता है, तो उसे लाइक, शेयर और कमेंट करना न भूलें। उन्हें और उनके एफर्ट्स को इनकरेज करें, उनकी इस यात्रा का हिस्सा बनें और उन्हें प्रमोट करें।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।