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September 22, 2024

दूसरे दिन भी हिमाचल प्रदेश में महसूस किया गया भूकंप का झटका

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एक बार फिर से भूकंप के झटके से हिमाचल प्रदेश की धरती दहल उठी। ऐसा लगातार दूसरा दिन है, जब देश में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

एक बार फिर से भूकंप के झटके से हिमाचल प्रदेश की धरती दहल उठी। ऐसा लगातार दूसरा दिन है, जब देश में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की वेबसाइट के मुताबिक, आज सुबह करीब 11 बजकर 27 मिनट 34 सेकेंड में हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए। 4.1 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र के किन्नौर में जमीन के भीतर दस किलो मीटर नीचे था। हालांकि कहीं किसी नुकसान की सूचना नहीं है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले शनिवार पांच जनवरी को बसंत पंचमी के दिन भूकंप के दो अलग अलग झटकों से लोग दहल उठे थे। पहला झटका उत्तराखंड के उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्र में आया। तड़के करीब 3 बजकर 15 मिनट 59 सैकेंड में भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसकी तीव्रता रिक्टर स्कैल पर 3.6 दर्ज की गई। इसका केंद्र उत्तरकाशी जिले में जमीन के भीतर दस किमी की दूरी पर था। इससे पहले 25 जनवरी को उत्तराखंड में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया था। तब पिथौरागढ़ जिले और आसपास के इलाके में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
वहीं, शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 रही। अफगानिस्तान के हिंदु कुश में इस भूकंप का केंद्र रहा। भूकंप के ये झटके जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। शनिवार की सुबह 9 बजकर 56 मिनट पर ये भूकंप आया था।
भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं।
उत्तरकाशी और चमोली में आ चुके हैं बड़े भूकंप
उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय हजारों लोग मारे गए थे। साथ ही संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति हुई थी। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया। भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) राज्य में आया यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप में 103 लोग मारे गए थे।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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