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September 27, 2024

सीडीएस का हेलीकॉप्टर क्रेश होने की कोर्ट ऑफ इंक्वारी पूरी, जताई गई हादसे ही ये संभावना

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देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर एम आई- 17 वी 5 हादसे को लेकर भारतीय वायुसेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी लगभग पूरी हो गई है।

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर एम आई- 17 वी 5 हादसे को लेकर भारतीय वायुसेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी लगभग पूरी हो गई है। हालांकि दुर्घटना के कारणों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नही आया है पर माना जा रहा है कि इसके पीछे बड़ी वजह खराब मौसम रहा है। बताया जा रहा है कि एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह की अगुवाई में हुई जांच ने पाया है कि खराब मौसम के चलते पायलट का ध्यान भटक गया जिस वजह से हादसा हुआ।
ये हुई थी घटना
गौरतलब है कि आठ दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर के साथ तमिलनाडु के सुलूर एयर बेस से एमआई वी -17 वी 5 से उटी के पास वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर लैंड करने के सात मिनट पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया था। इस हादसे में जनरल रावत समेत हेलीकॉप्टर में सवार सभी 14 लोगो की मौत हो गई थी। हादसे की सही वजहों का पता तो आधिकारिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा पर अभी तक जो पता चल पाया है कि उससे लगता है कि खराब मौसम के चलते ही यह हादसा हुआ।
इस कारण होते हैं हादसे
तकनीकी आधार पर कहे तो इस तरह के हादसे तब होते है जब पायलट डिसओरिएंट हो जाय या फिर हालात का सही अंदाजा ना लगा पाए और गैर इरादतन हेलीकॉप्टर किसी से टकरा जाए, जबकि पायलट का हेलीकॉप्टर पूरा कंट्रोल होता है। ऐसे हालात को कंट्रोल फ्लाइट इनटू टेरेन कहा जाता है। इस तरह के क्रैश ज्यादातर खराब मौसम के दौरान तब होते हैं, जब पायलट हेलीकॉप्टर को लैंड करा रहा होता है। ऐसी हालात में पायलट को हेलीकॉप्टर कंट्रोल करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
तकनीकि खराबी की संभावना से इनकार
यह भी पता चला है कि जांच दल ने ऐसे किसी तकनीकी खराबी की संभावना से इंकार किया। हेलीकॉप्टर में ना कोई तकनीकी खामी थी और ना ही हेलीकॉप्टर में कोई कमी थी। फिलहाल जांच दल अपनी रिपोर्ट को और पुख्ता करने के लिए वायुसेना के ही लीगल डिपार्टमेंट से सलाह ले रही है और उम्मीद है चार पांच दिनों के भीतर यह रिपोर्ट वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंप दी जाएगी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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