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April 23, 2025

ऐसे फैलाया जाता है भ्रम, बीजेपी आइटी सेल हेड ने कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का अधूरा बयान किया ट्विट, देखें हकीकत

बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने 12 नवंबर को कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का एक वीडियो ट्वीट किया। वीडियो में राशिद अल्वी को ये कहते हुए सुना जा सकता है-जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वो सब मुनि नहीं वो निशिचर हैं।

विभिन्न राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनावों को देखते हुए आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी है। इसके साथ ही लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने के भी प्रयास तेज हो गए हैं। अब बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने 12 नवंबर को कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का एक वीडियो ट्वीट किया। वीडियो में राशिद अल्वी को ये कहते हुए सुना जा सकता है-जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वो सब मुनि नहीं वो निशिचर हैं। होशियार रहने की ज़रूरत है। 10 सेकंड की ये वीडियो क्लिप ट्वीट करते हुए अमित मालवीय ने लिखा कि कांग्रेस के विचारों में राम भक्तों के लिए जहर घुला हुआ है। इसी वीडियो को भाजपा प्रवक्ता प्रशांत पटेल उमराव, भाजपा हरियाणा के स्टेट इन-चार्ज अरुण यादव, भाजपा इंदौर के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने भी ट्वीट किया है।
देखें वीडियो-

वीडियो की हकीकत
दरअसल जो वीडियो बीजेपी नेताओं ने ट्विट किए वो अधूरे हैं। ये वीडियो कल्कि महोत्सव का 11 नवंबर का है। वीडियो में राशिद अल्वी के भाषण का है। वीडियो में 8 मिनट 50 सेकंड के बाद राशिद अल्वी कहते हैं कि रामायण में आता है कि जब लक्ष्मण की हालत खराब होती है। तब संजीविनी बूटी लाने की जिम्मेदारी हनुमान को दी जाती है। और उसे सूरज निकलने से पहले लाना ज़रूरी है वरना वो नहीं बचेंगे। उधर रावण समय बर्बाद करने के लिए एक राक्षस को संत बनाकर भेजता है। हनुमान जब ऊपर से जा रहे होते हैं तब वो राक्षस नीचे बैठ कर ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहा है।
यहां राशिद अल्वी कहते हैं कि-आजकल लोग बहुत नारे लगाते हैं ‘जय श्री राम’। आगे, वो रामायण के बारे में बताते हैं कि हनुमान, ‘जय श्री राम’ सुनते ही नीचे आते हैं और संत के पैरों में बैठ जाते हैं। तब वो राक्षस जिसे हनुमान का वक़्त बर्बाद करना था, कहता है कि बिना नहाए ‘जय श्री राम’ नहीं कह सकते। इसके बाद राशिद अल्वी कहते हैं कि हनुमान नहाने जाते हैं। तब उनके पैर, एक मगरमच्छ पकड़ लेता है। मगरमच्छ असल में एक अप्सरा होती है और अपने असली रूप में आकर हनुमान को बताती है कि क्यों वक़्त खराब कर रहे हो? सूरज निकलने से पहले तुम्हें संजीविनी बूटी लेकर पहुंचना है। अप्सरा बताती है कि सामने बैठा ‘जय श्री राम’ कहने वाला शख्स मुनि नहीं निश्चरगोरा (राक्षस) है। इस कहानी के बाद उन्होंने ये कहा कि आज भी जो लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हैं वो सब मुनि नहीं हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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