पश्चिम बंगाल के मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी का निधन
पश्चिम बंगाल के मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी का यहां एक सरकारी अस्पताल में हृदय संबंधी बीमारी के इलाज के दौरान गुरुवार को निधन हो गया।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैं यकीन नहीं कर सकती हूं कि वह अब हमारे साथ नहीं हैं। वह पार्टी के एक समर्पित नेता थे। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। बनर्जी ने बताया कि मुखर्जी के पार्थिव शरीर को सरकारी सभागार रबींद्र सदन ले जाया जाएगा। जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद पार्थिव शरीर को बालीगंज ले जाया जाएगा और फिर उनके पैतृक आवास ले जाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी की एक नवंबर को ‘एंजियोप्लास्टी’ हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे।
वह मधुमेह, फेफड़े की बीमारी और वृद्धावस्था की अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक में प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी के दूसरे कार्यकाल के दौरान मुखर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के एक उदीयमान नेता थे। उन्होंने कांग्रेस के दो अन्य नेताओं, सोमेन मित्रा और प्रियरंजन दासमुंशी के साथ मिलकर तिकड़ी बनाई थी। मुखर्जी और मित्रा क्रमश: 2010 और 2008 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए थे। मित्रा 2014 में अपनी पुरानी पार्टी में लौट गए, जबकि मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में ही रहे। दासमुंशी का 2017 और मित्रा का 2020 में निधन हो गया था।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पश्चिम बंगाल के लिए एक बड़ी क्षति है। ऐसा लगता है कि मैंने अपने बड़े भाई को खो दिया है। कुछ दिन पहले मैं उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल गया था और उनसे बात की थी। यह भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने मुखर्जी के निधन को बंगाल की राजनीति के एक महान युग का अंत बताया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।