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June 19, 2025

विजय प्रताप सिंह ने सफलता पूर्वक संपन्न किया हिमालय से हिन्द महासागर साइकिल अभियान, नापी 3027 किमी की दूरी

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से आठ अक्टूबर 2020 को आरम्भ हुआ साहसिक साइकिल अभियान 26 अक्टूबर 2021 को भारत के अंतिम छोर कन्याकुमारी में समाप्त हुआ। कुल 19 दिन के इस अभियान में उत्तराखंड के विजय प्रताप सिंह ने 3027 किलोमीटर की दूरी तय की।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से आठ अक्टूबर 2020 को आरम्भ हुआ साहसिक साइकिल अभियान 26 अक्टूबर 2021 को भारत के अंतिम छोर कन्याकुमारी में समाप्त हुआ। कुल 19 दिन के इस अभियान में उत्तराखंड के विजय प्रताप सिंह ने 3027 किलोमीटर की दूरी तय की। इसमे 201 घंटे की साइकिलिंग शामिल है।
एडवेंथ्रिल के संस्थापक विजय प्रताप सिंह उत्तराखंड में विगत पांच वर्षो से साहसिक खेलो तथा पर्यटन को काफी बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया की इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश के युवाओं को राष्ट्र के प्रति अपनी सेवाओं से अवगत करना था। इसमे फिटनेस तथा साहसिक खेलो का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है।
विजय प्रताप सिंह ने कहा की इस सोलो साइकिल अभियान में उन्होंने बहुत ही कठिनायों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया। अंत में साबित किया कि क्यों साहसिक खेल हमारी जिंदगी में महत्वपूर्ण हैं। विजय प्रताप सिंह ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण में प्रक्षिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि देहरादून से आरम्भ हुई इस सोलो साइकिल यात्रा में कई अलग अलग कठिनाई उनको आईं। इसमे कड़ी धूप, बारिश, जंगल, साइकिल में तकनिकी खराबी, रात्रि में अनजान जगह रुकना और शारीरिक समस्यांए आदि शामिल हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में मिले प्रशिक्षण की बदौलत उन्होंने सब कठिनयों को मजबूती से सामना किया।
उन्होंने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने में कर्नल हरिराज सिंह राणा (भूतपूर्व कमांडिंग अफसर 127 एक टास्क फोर्स ) ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कर्नल हरिराज सिंह राणा ने रास्ते में विजय के लिए मिलिट्री कमांडरों से मुलाकात तथा रहने की व्यस्था सुनिश्चित की। ऐसे में इस अभियान को सफल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई।
विजय ने बताया की इसके पीछे हमारा एक उदेश्य ये भी था कि में युवाओं को ये सन्देश दिया जाए कि अगर वो देश के लिए योगदान देना चाहते है तो काफी सारे मौके उपलब्ध हैं। इनमे टेरीटोरियल आर्मी एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। टेरीटोरियल आर्मी भारतीय सेना का ही एक अभिन्न अंग है। इसमे 18 वर्ष से 42 वर्ष तक के लोग आवेदन कर सकते हैं। विजय ने रास्ते में मिले तमाम युवाओं को इसके प्रति भी जागरूक किया।

विदित हो कि विजय प्रताप सिंह ने 2016 में अपनी बैंकिंग की जॉब छोड़कर एडवेंथ्रिल की शुरुआत की। विगत पांच वर्षों में एडवेंथ्रिल ने माउंटेनियरिंग, ट्रैकिंग, वाइल्डलाइफ, साइकिलिंग, रॉक क्लाइम्बिंग में अपनी सेवाओं से उत्तराखंड में ही नहीं, अपितु देश में युवाओं को रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध कराएं है। विजय प्रताप सिंह स्वयं इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर्स डिग्री प्राप्त करके आने वाली पीड़ी को स्वरोजगार के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं को भारत को और उन्नत बनाने के लिए कड़े निर्णय लेने का वक्त आ गया है। वरना हम समाज द्वारा बनाये मापदंडो पर चलकर बस उसी पुराने चाल चलन पर चलते रहेंगे। इसी क्रम में उन्होंने कहा जैसे उन्होंने विगत समय में देहरादून स्पीति वैली साइकिल अभियान और अभी देहरादून कन्याकुमारी साइकिल अभियान किया है, आगे भी और साहसिक अभियान चलाकर युवाओं में ऊर्जा भरते रहेंगे।
विजय प्रताप सिंह के इस साइकिल अभियान को सफल बनाने में उनके कुछ करीबी मित्रों का बहुत खास योगदान रहा। इनमे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी जयदीप सकलानी, आगास फेडरेशन के जेपी मैथानी, एडवेंथ्रिल टीम के सीनियर साइकिलिस्ट अपूर्व सकलानी, भारतीय ब्लाइंड फुटबाल टीम के कोच नरेश सिंह नयाल आदि शामिल थे। विजय ने अपनी टीम एडवेंथ्रिल का भी तहेदिल से शुक्रिया किया, जिनमे मुंबई से अनुसोम, कौशल पांडेय, प्रदीप डोभाल , शुभेन शाही , इशिता गुप्ता ने अहम योगदान दिया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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