डीजीपी ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का किया दौरा, एसएसपी नैनीताल की थपथपाई पीठ, आपदा में सराहनीय कार्य करने वाले होंगे सम्मानित

उन्होंने क्षतिग्रस्त गौलापुल में दुघर्टना की रोकथाम के लिए पुल के दोनों ओर पर्याप्त पुलिस बल नियुक्त करने के लिए अधीनस्थों को निर्देशित किया। तत्पश्चात पुलिस बहुउदेद्शीय भवन हल्द्वानी के सभागार में नैनीताल पुलिस की ओर से आपदा के दौरान किये गये समस्त कार्यो की समीक्षा की। इस दौरान ये बात सामने आई कि 6113 वाहनों में कुल 13207 व्यक्तियों को पर्वतीय क्षेत्र में जाने से लोगों को रोका गया। 8889 लोगों को विस्थापित एवं 2920 लोगों को रेस्क्यू किया गया। 3646 लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की गयी। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के सहयोग से जनपद पुलिस ने 32 शवों को निकाला। इसमें 30 शिनाख्त की जा चुकी है।
आपदा राहत टीम में एनडीआरएफ के 44 जवान, एसडीआरएफ के 12, दो कंपनी पीएसी, सात फायर यूनिट, पांच जल पुलिस, सेना के 70 जवान एवं जनपदीय पुलिस के 1572 अधिकारी व कर्मचारियों के सहयोग से बेहतर प्रबंधन किया गया। जनपद में आपदा के दौरान 1604 लोगों की ओर से आपदा से सम्बन्धित सूचनाएं तथा पुलिस के सोशल मीडिया पर 83 सूचनाएं दी गयी। इनका त्वरित एवं तत्परता से समाधान करते हुये पीड़ितो को यथासम्भव सहायता प्रदान की गयी। विशेषकर रामगढ़, ओखलकांडा तथा खैरना क्षेत्र में विधुत आपूर्ति बन्द होने से फोन व मोबाइल से सर्म्पक नहीं हो पा रहा था। इन स्थानों में वायरलैस स्थापित किया गया। इस मौके पर पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र नैनीताल नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी नैनीताल प्रीति प्रियदर्शिनी के साथ ही जिले के पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।