यदि आपने नौकरी गंवाई या फिर बदली, तब भी भरें आइटीआर, मिलेंगे ये फायदे, पढ़िए खबर
कोरोना काल में लाखों लोगों ने नौकरी गंवा दी। कई लोगों ने नौकरी गंवाने के बाद दूसरी नौकरी हासिल कर ली। अब सवाल उठता है कि क्या ऐसे लोगों को इंकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए।
टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार, नियमित तौर पर आईटीआर भरने से भविष्य में किसी भी फाइनेंसियल इमरजेंसी में लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं आती है। ऐसे में कम ब्याज दर पर भी आसानी से लोन मिल जाता है। किसी का वेतन 50 हजार रुपये है और अगर उसने वित्त वर्ष 2021-22 में दिसंबर में नौकरी गंवा दी तो 8 माह में उसे 4 लाख रुपये सैलरी मिली। जो इनकम टैक्स रिटर्न भरने की न्यूनतम सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है। ऐसे में ऐसे व्यक्ति को आईटीआर जरूर भरना चाहिए।
यदि किसी की सेलरी 50 हजार रुपये है। उसने वित्तीय वर्ष 2021-22 के तीन महीनों (अप्रैल-जून) के बाद ही नौकरी गंवा दी और उसे पूरे वित्तीय वर्ष में नौकरी नहीं मिली तो उसकी सालाना आय 1.20 लाख रुपये हुई। ऐसे में उसे वैधानिक तौर पर तो आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है। हालांकि टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार आईटीआर भरने के कई फायदे हैं। इसमें किसी भी प्रकार का लोन लेने में आसानी होती है।
अगर किसी वेतनभोगी की सैलरी 40 हजार रुपये है और उसने वित्त वर्ष के 6 माह बाद नौकरी गंवा दी है तो उसकी वार्षिक आय 2.40 लाख रुपये है। यह आईटीआर भरने के लिए न्यूनतम सालाना आय से कम है, ऐसे में आईटीआर भरने की जरूरत नहीं। अगर आय पर टीडीएस की कटौती हुई है तो रिफंड प्राप्त करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरा जाना चाहिए। इसी तरह किसी वित्त वर्ष के बीच में नौकरी बदलने पर आईटीआर भरने में सावधानी बरतें। किसी ने यदि पहली कंपनी में 7 माह नौकरी की है और दूसरी कंपनी में 5 माह। ऐसे में आपको दोनों कंपनियों से फॉर्म-16 लेना चाहिए और दोनों की सैलरी को मिलाकर आईटीआर भरना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आय में विसंगति पैदा होगी और इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।