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April 19, 2025

कार्मिकों के साझा मंच ने हुंकार रैली निकाल सचिवालय पर किया प्रदर्शन, 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के नेतृत्व में आज कार्मिकों की 18 सूत्रीय मांग को लेकर देहरादून के परेड मैदान से सचिवालय तक हुंकार रैली निकाली। इसमें प्रदेश भर से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के नेतृत्व में आज कार्मिकों की 18 सूत्रीय मांग को लेकर देहरादून के परेड मैदान से सचिवालय तक हुंकार रैली निकाली। इसमें प्रदेश भर से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। तिब्बती बाजार, लैंसडौन चौक, कनक चौक होते हुए रैली जैसे ही सचिवालय के निकट पहुंची तो पुलिस मुख्यालय के निकट पुलिस ने बेरिकेड लगाकर रैली को रोक दिया। इस पर सड़क पर ही कर्मचारी धरने पर बैठ गए और जनसभा आयोजित की गई। इस मौके पर ऐलान किया गया कि यदि 20 दिन के भीतर मांगों पर कोई निर्णय नहीं किया गया तो 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
गौरतलब है कि 18 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड के कर्मचारियों, शिक्षकों और अधाकारियों ने साझा मंच का गठन किया है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले ही सिलसिलेवार आंदोलन किए जा रहे हैं। आंदोलन के तहत अभी तक गेट मीटिंग, जिला स्तरीय धरने, जिला स्तरीय रैली का आयोजन किया गया है। अब आंदोलन के चौथे चरण में आज प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली निकाली गई।
पहले शासन की वेतन विसंगति समिति की बैठक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ 29 सितंबर को हुई थी। इसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न समस्याओं को वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के समक्ष बिंदुवार रखा। इस पर उन्हें अध्यक्ष की ओर से सार्थक प्रयास का आश्वासन दिया गया। इसके बाद एक अक्टूबर को समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ सचिवालय स्थित वीर माधव सिंह भंडारी सभागार मांग पत्र पर विस्तार से वार्ता हुई। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने बिंदुवार चर्चा के दौरान ही कार्मिक विभाग को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान अपर सचिव ने आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया था, लेकिन समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर समस्त प्रकरणों पर ठोस निर्णय लेने की मांग की। बैठक तय नहीं हुई और अब हुंकार रैली निकाली जाएगी।
मंगलवार को धरनास्थल पर मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सेठी कर्मचारियों के बीच पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित 18 सूत्रीय ज्ञापन लिया। साथ ही बताया कि सात अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड का दौरा है। इसके बाद सीएम की अध्यक्षता समिति के पदाधिकारियों के साथ मांग पत्र के हर बिंदु पर सिलसिलेवार वार्ता कराई जाएगी।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कार्मिक एंव शिक्षक समुदाय की अधिकांश मांगे वे हैं जो या तो पहले से कार्मिक समुदाय को मिल रही थी और बाद में कटौती कर दी गयी है। या शासन व सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के
दौरान शासन व सरकार ने सहमति व्यक्त कर रखी है। इसके बावजूद भी आश्वासन तो मिला, लेकिन मांगों को पूर्ण नही किया गया है।
रैली के अन्त में आज की अध्यक्षता कर रहे प्रताप पंवार ने कहा कि शासन व सरकार को मांगों को पूर्ण करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाएगा। यदि दिनांक 25 अक्टूबर तक सरकार व शासन की ओर से कोई निर्णय नहीं किया गया तो 26 अक्टूबर से समिति से जुड़े प्रदेश के समस्त कार्मिक एंव शिक्षक अनिश्चितकालीन हडताल पर चले जायेंगे। इस बीच समस्त विभागीय कार्यालयों में प्रतिदिन पूर्वाहन 10 बजे से 12 बजे तक आंशिक कार्य बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही संयोजक मंडल के सदस्य प्रतिदिन विभिन्न विभागीय कार्यालयों में भ्रमण कर कार्य बहिष्कार में प्रतिभाग करेंगे।
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
आज की रैली में प्रताप पंवार, अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, नन्दकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भटट, पंचम सिहं विष्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, दिनेश गुसाई, बीएस रावत, दिनेश पंत, नाजिम सिद्धकी, बनवारी सिंह रावत, अनन्तराम शर्मा, निशंक सरोही, विक्रम सिह नेगी, चैधरी ओमबीर सिहं, दीपचन्द्र बुडलाकोटी, गुडडी मटुडा, रेनू लांबा, मुकेश ध्यानी, मुकेश बहुगुणा, अजयराज, बृजमोहन बिजल्वाण, राजेन्द्र सिह रावत, सुशील बडोनी, अरविन्द विजल्वाण, ललित मोहन रावत, सुभाष देवलियाल, राकेश रावत, विकास दुमका, रामकृष्ण नौटियाल, प्रमोद कुमार सिहं, जयप्रकाश यादव, गोपाल सिहं, प्रकाश गोपाल सिंह, प्रकाश पंवार, बद्री प्रसाद, प्रताप सिहं चैहान, श्याम सिंह, महाबीर सिहं पटवाल, केसी शर्मा, ललित जोशी, सोहन सिहं रावत, संजय नेगी, आई0एस0एैरी, प्रदीप भटट, दिनेश पंत, बीएन बेलवाल, रमेश जोशी, इत्यादि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।
ये हैं मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों, शिक्षकों, निगम, निकाय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाये।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
5-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
6-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
7-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
8-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
10-विभिन्न विभागीय संवर्गो के वेतन विसंगति/स्टापिंग पैर्टड के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित हैं, उनका शीघ्र निस्तारण किया जाये।
11-जिन विभागों के ढांचे का पुर्नगठन/एकीकरण शासन स्तर पर किया जाना प्रस्तावित हैं, उन विभागों के पूर्व स्वीकृत पदों में कटौती न की जाये। ताकि कार्मिको के पदोंन्नति के अवसर बाधित न हों।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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