मंत्री के बेटे ने किसानों पर चढ़ा दी कार, भड़की हिंसा, आठ की मौत, प्रियंका गांधी गिरफ्तार, किसानों और प्रशासन की वार्ता में बनी सहमति
केंद्रीय राज्य मंत्री के बयान ने इतना तूल पकड़ा कि यूपी में आठ लोगों की जान चली गई। इनमें चार किसान और चार अन्य लोग बताए जा रहे हैं। यूपी के लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा और आठ लोगों की मौत के बाद विभिन्न दलों के नेता घटनास्थल की ओर रुख कर रहे हैं, उन्हें रास्ते में रोका जा रहा है। लखीमपुर जाने की कोशिश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सीतापुर के हरगांव से गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर, लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को घर से बाहर निकलने से रोका तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कल रात बसपा नेता सतीश मिश्र और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव को भी हाउस अरेस्ट कर लिया था। प्रियंका गांधी को सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया गया है।
उधर, किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने रात भर पुलिस को छकाया। जगह-जगह उन्हें रोकने की कोशिश की गई, लेकिन वह कहीं भी न रुकते हुए लखीमपुर खीरी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि आगे क्या करना है इस बारे में कमेटी के लोगों से बात करके फैसला लिया जाएगा। इस बीच बताया जा रहा है कि रालोद के राष्ट्रीय जयंत चौधरी भी आज लखीमपुर पहुंचेंगे। टीएमसी समेत अन्य कई दलों के नेताओं ने आज लखीमपुर पहुंचने का ऐलान किया है। उधर, पुलिस पूरी तरह कोशिश कर रही है कि नेताओं को लखीमपुर आने से रोका जाए। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को लखीमपुर खीरी पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया है। उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विमान को लखनऊ हवाईअड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं मिली है। बघेल के साथ पंजाब के उप मुख्यमंत्री एसएस रंधावा भी लखनऊ आने वाले थे, लेकिन उनके विमान को उतरने की इजाजत नहीं दी गई। प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पहुंची पुलिस कर्मियों से जमकर बहस हुई। उधर, घटनास्थल से मृत किसानों का शव नहीं उठाया गया है। किसानों की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए। मारे गए हर किसान परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। आश्रतों को उचित मुआवजा देने आदि की मांग की गई है। बाद में किसान और प्रशासन के बीच हुई वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति बन गई है। इसमें आठ दिन के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया गया। साथ ही मृतकों के आश्रितों को 45 लाख का मुआवजा, घायलों को दस लाख रुपये देने पर सहमति बनी है। साथ ही मृतकों के परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने पर भी सहमति बनी है। साथ ही ये आश्वासन भी दिया गया कि घटना की हाईकोर्ट से रिटायर्ड जज से जांच कराई जाएगी।
इस बीच, एआईएमआईएम (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने लखीमपुर खीरी कांड के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा, “योगी राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह दम तोड़ चुकी है. लखीमपुर खीरी कांड इस बात का ठोस सबूत है। 8 लोगों की जान जा चुकी है, इसकी ज़िम्मेदारी सिर्फ़ सरकार पर आयद होती है. हादसे में कथित तौर पर एक केंद्रीय मंत्री के बेटे शामिल थे, इस वजह से जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने कहा हमारी मांग है कि न्यायिक जांच हो. 8 के 8 परिवारों को मुआवज़ा दिए जाए और तमाम घायल व्यक्तियों के बेहतर से बेहतर इलाज का इंतेज़ाम किए जाए. तीनों कृषि कानून जल्द से जल्द वापस लिए जाएं. अब और किसानों को अपनी जान गंवानी नहीं चाहिए।
किसानों को कार से कुचलने के बाद हुई हिंसा
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में दो मंत्रियों के दौरे को लेकर रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई, जिनमें चार किसान थे। अगले साल की शुरुआत में राज्य के चुनावों से पहले विवादास्पद नए कृषि कानूनों को लेकर उनके 10 महीने से चल रहे किसान आंदोलन में नाटकीय रूप से तेजी आई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने दिया उकसाऊ बयान, बेटे पर कार चढ़ाने का आरोप
पिछले महीने के अंत में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा मिश्रा ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह 10-15 लोगों का विरोध है और उन्हें लाइन पर लाने में सिर्फ दो मिनट लगेंगे। उनके इस बयान का विरोध करने के लिए किसान एकत्र हुए थे। केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य का लखीमपुर खीरी में एक कार्यक्रम था। इन नेताओं का काले झंडे दिखाने के लिए किसान काफी संख्या में खड़े थे। बताया जा रहा है कि दोनों नेता दूसरे रास्ते से कार्यक्रम स्थल चले गए। तभी मंत्री के काफीले में शामिल तीन कारें आई और किसानों की भीड़ को कुचल दिया। इस हादसे में मौके पर दो किसानों की मौत हो गई। इसके बाद हिंसा भड़की और दो कारों सहित कई वाहनों में आग लगा दी गई। एक कार में सवार चालक सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई। हालांकि किसानों का कहना है कि कार पलटने से चारों की मौत हुई। वहीं, किसानों का आरोप है कि उन पर गोलियां चलाई गई। आरोप है कि किसानों को कुचलने वाली कार में मंत्री का बेटा था। यूपी पुलिस ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे सतीश मिश्रा समेत 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सतीश मिश्रा को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है। यूपी पुलिस ने धारा 302, 120बी और अन्य धाराओं में यह केस दर्ज किया है।
जब किसान लौट रहे थे, तब हुई घटना
दोनों मंत्रियों के दौरे को रोकने के लिए एकत्रित हुए किसानों ने कहा कि लखीमपुर खीरी जिले में उनकी कार द्वारा प्रदर्शनकारियों को कुचलने के बाद हिंसा शुरू हुई। वहां की तस्वीरों में लोग आगजनी और वाहनों को आग लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। किसान संघ के एक नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि किसानों ने मंत्रियों के आगमन को रोकने के लिए हेलीपैड का घेराव करने की योजना बनाई थी। एक बार यह समाप्त हो गया और अधिकांश लोग वापस जा रहे थे, तीन कारें आईं … और किसानों को कुचल दिया। एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरे की अस्पताल में। उन्होंने कहा कि मंत्री का बेटा कार में था। केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके बेटे का संबंध हिंसा से था।
मंत्री ने दी सफाई
गृह राज्यमंत्री मिश्रा ने कहा कि मेरा बेटा मौके पर मौजूद नहीं था। कुछ बदमाशों ने कार्यकर्ताओं पर लाठियों और तलवारों से हमला किया। अगर मेरा बेटा वहां होता, तो वह जिंदा नहीं निकलता। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि मेरा बेटा (उप मुख्यमंत्री के) कार्यक्रम स्थल पर मौजूद था। पूरे समय मैं उप मुख्यमंत्री के साथ था। मंत्री ने कहा कि किसानों का एक वर्ग विरोध प्रदर्शन कर रहा है। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने उनके हवाले से कहा कि-उन्होंने काले झंडे दिखाए और कार पर पथराव किया, जिससे वह पलट गई। दो किसान कार के नीचे आ गए और उनकी मौत हो गई। कुछ लोगों ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं और कार चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। मंत्री ने यह भी कहा कि उनके पास इसके बाद हुई हिंसा के वीडियो सबूत हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना पार्टी के उन कार्यकर्ताओं की गलती नहीं हुई थी जो अस्थायी हेलीपैड पर मंत्रियों की अगवानी करने आए थे।
किसान संघों ने बताया चार किसान की हुई मौत
किसान संघों ने कहा कि कार की चपेट में आने से चार किसानों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में से एक तेजिंदर एस विरक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिश्रा के हालिया भाषण से नाराज़ किसान दोनों मंत्रियों के दौरे को रोकने के लिए इकट्ठे हुए थे।
सीएम योगी बोले-विस्तार से करेंगे जांच, कोई सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। उन्होंने एक बयान में कहा कि हम कारणों की विस्तार से जांच करेंगे और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। लखीमपुर खीरी में भारी पुलिस बल है और इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
प्रियंका गांधी को रोका
कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी वाड्रा किसानों से मिलने के लिए सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी पहुंचने वाली थीं, लेकिन उन्हें हरगांव के पास हिरासत में ले लिया गया। वह रात 1 बजे रवाना हुई थीं। यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया कि प्रियंका गांधी को हरगांव से हिरासत में ले करके सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया जा रहा है। यूपी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी से पुलिसकर्मियों ने जोर जबरदस्ती भी की, जिसका मुखर विरोध किया गया।
प्रियंका ने हिंसा की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। जानना चाहा कि क्या किसानों को इस देश में जिंदा रहने का अधिकार है। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएँगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका। ये किसानों का देश है। भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।