Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 25, 2025

शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-महात्मा गांधी

शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-महात्मा गांधी।

महात्मा गांधी

देश गुलामी की जंजीरों में
जकड़ रखा था भारी
मनमानी जनता से करते
परेशान थीं जनता सारी ।

कई बार जेल गये वो
आंदोलन कई कर डाले
किया आजाद देश को
दुःख अनेक सह डाले।

देखी दुर्दशा अफ्रिका में
भारत की ओर दौड़े आये
किये सभाऐ किए आन्दोलन
जन सैलाव बना डालें।

इस सैलाव बनाकर ही
देश को आजाद करा डाला
अंग्रेजों को इस ताकत से
देश से निकाल डाला ।

रघुपति राघव की धुन में
चरखा वह चलाया करतेथे
लोभ न लालच था कोई
सिर्फ आजादी के लिए लड़ते थे।

15अगस्त 1947को भारत
स्वतन्र्तऔर आजाद हुआ
इस आजादी से ही आज
जन जन में उत्साह भरा।

जन्म लिया 2अक्टूबर 1869
देश आजाद कराने को
खो दिया एक स्वर्ण रत्न
1948 को।

‌मिला राष्ट्र पिता का खिताब
राष्ट्र-पिता वह कहलाए
अपनी सादगी, अहिंसा से
सबके मन को हैं भाए।

कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page