इंटरनेट में आए तांत्रिक बाबा, छात्रा को भय दिखाकर ठगे 8.80 लाख रुपये, पुलिस के डर से लौटाए पैसे
अब तो तांत्रिक बाबाओं ने भी अपना कारोबार इंटरनेट के जरिये फैलाना शुरू कर दिया। डिजीटल इंडिया का यह भी कड़ुआ सच बनता जा रहा है। एक बाबा ने छात्रा को जिन्नातों का भय दिखाया और उससे 8.80 लाख रुपये ठग लिए।
पुलिस के मुताबिक अगस्त माह में छात्रा के पिता की तहरीर पर तांत्रिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जून माह में छात्रा ने wazifa get rid of mental disorders and love yourself नाम से इंटरनेट पर सर्च किया तो एक वेबसाइट खुली। इसके बाद उसकी तांत्रिक बाबा विजय से बात शुरू हुई। विजय ने छात्रा को डरा दिया कि उसके ऊपर जिन्नातों का साया बताया। इससे छुटकारा दिलाने के लिए उसने छात्रा से रुपयों की मांग की। छात्रा के मना करने पर उसे धमकी दी गई। साथ ही छात्रा समेत पूरे परिवार को तंत्र मंत्र से जान से मारने की धमकी दी गई।
इससे छात्रा डर गई। उसने मौलवी के बताए गए बैंक खाते में रकम डालनी शुरू कर दी। छात्रा ने मौलवी के दो खातों में 8.80 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद छात्रा ने अपने परिजनों को मामले की जानकारी दी। पिता ने मुकदमा दर्ज कराया। अधिकारियों के आदेश पर पुलिस की कई टीमें गठित की गईं। लोकेशन और बैंक डिटेल के आधार पर तांत्रिक को को पुलिस ने खोज निकाला। वह जालंधर निवासी विजय निकला।
जांच में पता चला कि विजय ने यह रुपये अपने और साथी मुकेश शर्मा के खाते में ट्रांसफर कराए थे। सर्विलांस टीम की मदद से नंबर ट्रेस किया गया तो उसकी लोकेशन मिली। इसके बाद पुलिस ने जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई उसका पता लगाया। फिर जालंधर पुलिस की मदद से विजय के घर पर दबिश दी गई। दबिश के दौरान विजय भाग निकला।
पुलिस ने उसकी पत्नी को पकड़ा। पत्नी को सारी बात बताई गई तो उसने फोन पर विजय से बात कराई। खुद को फंसता देख विजय डर गया। उसने छात्रा के बैंक खाते में सारे रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद पुलिस टीम विजय की पत्नी को नोटिस देकर लौट आयी। विजय की पत्नी शिक्षिका है। विजय ज्योतिष है। वह लोगों को फंसाकर ठगी करता है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।