आशाओं का कार्य बहिष्कार 50वें दिन में प्रवेश, कल से सचिवालय के समक्ष शुरू होगा बेमियादी धरना
उत्तराखंड में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा वर्कर्स का धरना आज सोमवार यानी 20 सितंबर को 50वें दिन भी जारी रहा। आशाओं ने दोहराया कि पूर्व में हुए समझौते का शासनादेश जारी नहीं किया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आशाएं 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आशा वर्कर्स आंदोलनरत हैं। इसके तहत दो अगस्त से कार्यबहिष्कार कर वे सभी जिलों में सीएमओ कार्यालय के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों के समक्ष धरना दे रही हैं। बीती नौ अगस्त को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई थी। इस पर शासन ने कुछ मांगों पर सहमति दी थी, लेकिन शासनादेश जारी नहीं होने के कारण आंदोलन जारी है।
इसके अगले दिन 10 अगस्त को आशाओं ने सीएम आवास कूच भी किया था। फिर भी उनके संबंध में जीओ जारी न होने पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है। आशाओं के मुताबिक बाद 12 अगस्त को सीटू से संबंधित आशा वर्कर के साथ महानिदेशक तथा मिशन डायरेक्टर के साथ दोबारा वार्ता हुई थी। इसमें 4000 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी का प्रस्ताव बनाया गया। महानिदेशक ने वह प्रस्ताव 13 अगस्त को शासन को भेजा गया। 27 अगस्त को आशा वर्कर्स ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया था।
वहीं, खटीमा में सीएम से वार्ता के बाद कुमाऊं की आशाओं ने प्रदर्शन स्थगित कर दिया था। सीएम मांगों के संदर्भ में बीस दिन का आश्वासन दिया था। वहीं, गढ़वाल मंडल में धरना जारी है। उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन का देहरादून में धरना प्रदर्शन सीएमओ कार्यालय देहरादून, रायपुर, प्रेम नगर हॉस्पिटल और सभी ब्लॉक के सीएचसी, पीएससी पर जारी रहा। इस दौरान आशाओं ने कहा कि अब आंदोलन को तेज करने का समय आ गया है। सभी आशा वर्कर ने कल 21 सितंबर से सचिवालय के समक्ष 10:00 बजे से धरना आरंभ करेंगी।
आज धरने पर बैठने वालों में प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, उपाध्यक्ष कलावती चंदोला, कल्पेश्वर प्रमिला, कविता, कांति बिष्ट, पूजा शर्मा, कविता, अभिमान, अंजू भंडारी, अनीता पाल, पूजा मौर्य, संगीता शबाना, नागेश्वरी, सरोज, रेखा, बीना, पुष्पा रावत पुष्पा, पूनम गुसाईं, अनीता अग्रवाल, मधु गर्ग, सीमा रानी, रजनी शर्मा, रजनी सिंह, नीरू जैन, रजनी पवार, प्रीती रस्तोगी, नीलम, रीना जायसवाल, अनीता अरोड़ा, जीवन, सीमा, गीता पाल, रत्ना देवी, शिव कुमारी, अनिता पाल, सरिता, संगीता पाल, शोभा देवी, बबिता शर्मा, सुष्मिता पाल, राधा गुप्ता, रीता भारती, संतोष और फुलमा देवी आदि शामिल रहे।
ये हैं मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, कोविड कार्य में लगी आशाओं 50 लाख का बीमा, 19 लाख स्वास्थ्य बीमा का लाभ, कोरनाकाल में मृतक आशाओं के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा, चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। ओड़ीसा की तरह ऐसी श्रेणी के मृतकों के परिवारों विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए, कोरना ड्यूटी के लिये विशेष मासिक भत्ते का प्रावधान हो।
शासन से वार्ता में ये लिए गए थे निर्णय
-आशाओं को छह हजार का मानदेय देने की पेशकश स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने की। अन्य देय भी मिलते रहेंगे।
– प्रत्येक केन्द्र में आशा रूम स्थापित किये जाऐंगे।
-अटल पेंशन योजना में उम्र की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
-आशाओं के सभी प्रकार के उत्पीड़न एवं कमीशनखोरी पर कार्रवाई होगी।
-अन्य सभी मांगों पर सौहार्दपूर्ण कार्यवाही होगी।
-स्वास्थ्य बीमा की मांग पर समुचित कार्यवाही होगी।
-उपरोक्त सन्दर्भ में शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद अति शीध्र शासनादेश जारी किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।