कोरोना का नाम, लूटे जा रहे आम, दरबार के लिए नहीं नियम, दोहराई जा रही आम वाले की कहानी
बचपन का एक खेल याद आ रहा है। उसमें कुछ बच्चे एकदूसरे से सटकर बैठते हैं। फिर वे एक दूसरे की मुट्ठी पर मुट्ठी चढ़ाकर खेल शुरू करते हैं। उसमें ये बोला जाता है। एक बच्चा बोलता है-आम वाले आम दे। इस पर एक साथ सब बच्चे बोलते हैं-आम हैं सरकार के। तब वह बच्चा बोलता है-हम भी हैं दरबार के। इसके बाद सब बच्चे बोलते हैं -एक आम उठा लो। इस पर आम मांगने वाला बच्चा अपनी मुट्ठी दूसरों की मुट्ठी से हटा लेता है।
आज से चालीस या पचास साल पहले खेला जाने वाला खेल तो आज भी खेला जा रहा है। आम लूट रहे। दरबार मजे में है। दरबारी नियमों की आड़ में आम को लूट रहे हैं। वहीं, दरबार के लोगों के लिए तो शायद नियम है ही नहीं। तभी तो कोरोना काल में जो भी चालान हो रहे हैं वह आमजन के ही हो रहे हैं। सरकार, नेता, मंत्री, विधायकों के लिए तो शायद कोई नियम नहीं हैं। ऐसा एक बार फिर से जगजाहिर हो गया है।
यहां दरबार को मिली छूट
अब बात करते हैं रविवार को हुए समारोह की। यहां भी आमवाले के खेल की तर्ज पर ही सब कुछ नजर आया। यानी कोरोना के नियमों का पालन सरकार ने ही नहीं किया। कोरोना के तीन नियम हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, मुंह व नाक को मास्क से ढकना, हाथों को सैनिटाइजर या साबुन से धोना। उत्तराखंड के टिहरी जिले में देश के सबसे लंबे मोटर पुल डोबरा चांठी झूला पुल का उद्घाटन समारोह भी दरबार को मिली छूट का ही सबसे बड़ा उदाहरण रहा।

मास्क तो थे, पर नहीं थी सोशल डिस्टेंसिंग
पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस दौरान उनके अगल-बगल खड़े नेताओं के नाक व मुंह मास्क से ढके हुए थे। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नजर नहीं आई। भीड़ में ऐसे लोग भी थे, जिनके मास्क नाक व मुंह से नीचे लटके हुए थे। भीड़ में सटकर खड़े लोग। नहीं दिखी दो गज की दूरी, कैसे होगी कोरोना को हराने की आस पूरी। ये सवाल फिजाओं में तैर रहा है।
बोले सीएम
इस मौके पर सीएम ने कहा कि यह विकास का बड़ा द्वार है। भविष्य में यह स्थान पर्यटन के क्षेत्र में देश-दुनिया में जाना जाएगा। देश का सबसे लंबा मोटरेबल डोबराचांठी झूला पुल 100 से ज्यादा गांवों को जोड़ने का कार्य करेगा। यह स्थान पुरानी टिहरी की कमी दूर करने का काम भी करेगा और आपसी भाईचारा संस्कृति भी जिंदा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों की तकलीफ समझते हुए हमारी सरकार ने इस देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी मोटरेबल झूला पुल को अपनी प्राथमिकताओं में रखा और 440 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण में आ रही धन की कमी को दूर करते हुए एकमुश्त 88 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। डोबरा चांठी झूला पुल बनने के बाद करीब ढाई लाख की आबादी की मुश्किलें कम हो जाएंगी। प्रतापनगर का पांच घंटे का सफर अब मात्र डेढ़ घंटे में हो सकेगा।
आम के लिए भी हटा दो अब नियम सरकार
यदि दरबार के लिए कोरोना के नियमों में छूट है तो सरकार को आम के लिए भी नियम हटा देने चाहिए। कानून तो कानून है। ये सबके लिए बराबर होना चाहिए। अब मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की बात करें तो हर दिन पुलिस चालान काटकर वाहवाही लूट रही है। साथ ही आम भी लूटा जा रहा है। चालान से सरकार का खजाना भर रहा है। आम की जेब ढीली हो रही है।
जो दरबारी नहीं उनका है ये हाल
आम की कहानी तो चालान काटने में भी नजर आती है। पुलिस के प्रेस नोट में कभी ये खुलासा नहीं हुआ कि नियमों का पालन करने वालों में वीआइपी भी थे। वहीं फोटो तो ऐसे ही लोगों की हर दिन देखने को मिल रही है। उदाहरण के लिए देहरादून की ही बात करते हैं। यहां आठ नवंबर को कोतवाली नगर पुलिस ने सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं पहनने वाले 165 व्यक्तियों से 33000 रुपये, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर तीस लोगों से 600 रुपये जुर्माना वसूला।

पटेलनगर पुलिस ने मास्क नहीं पहनने वाले 38 व्यक्तियों 7600 रुपये, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर 93 व्यक्तियों से 18600 रुपये जुर्माना वसूला। इसी तरह रायपुर पुलिस ने बहैर मास्क को लेकर 188 और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर 93 चालान किए। ऋषिकेश पुलिस ने मास्क ना पहनने व सोशल डिस्टेंस का पालन न करने पर 425 लोगों से 85,000 रुपये, विकासनगर पुलिस ने बिना मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन पर 121 लोगों से 24200 रुपये वसूले।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।