आजाद मैदान की आजादी को दिवंगत विधायक की पत्नी आई आगे, मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
नाम है आजाद मैदान, लेकिन मैदान आजाद नहीं है। मैदान में खेल गतिविधियां कम और व्यापारिक गतिविधियां ज्यादा हैं। वहीं, मैदान की स्थिति ऐसी है कि खिलाड़ियों के उसमें अभ्यास की बात करना बेमानी होगा। बारिश में तो मैदान कीचड़ का तालाब बनने लगा है। ऐसे में अब इस मैदानी की आजादी के लिए संघर्ष हो रहा है। पूर्व एवं दिवंगत विधायक गोपाल रावत की पत्नी शांति रावत ने मैदान की आजादी के साथ ही उत्तरकाशी जिले की कई अन्य समस्याओं को लेकर उत्तराखंड के सीएम से गुहार लगाई है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आजाद मैदान को रामलीला मैदान के नाम से भी जाना जाता है। इसकी बदहाल हावत पर शांति गोपाल रावत ने चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को पत्र भेजा। साथ ही उत्तरकाशी में स्वीकृत बस अड्डे का शीघ्र निर्माण शुरू करवाने की भी मांग की है।
रामलीला मैदान की दुर्दशा पर आंदोलनरत नगरवासियों के आंदोलन को शांति गोपाल रावत ने समर्थन दिया। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय स्थित आजाद मैदान या रामलीला मैदान एक समृद्ध परंपरा का द्योतक रहा है। भारत चीन युद्ध से पहले यह मैदान जहां भारत तिब्बत के व्यापार का प्रमुख केंद्र था। ऐतिहासिक बाड़ाहाट के थौळू (माघ मेला) का आयोजन भी दशकों से इस मैदान में होता रहा है। वहीं, शहर के केंद्र में स्थित यह मैदान खेल प्रतिभाओं को निखारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इस मैदान में देश के प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं की राजनैतिक रैलियों का आयोजन हो चुका है।
खेल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र यह मैदान आज बदहाल स्थिति में है। मैदान में नगर पालिका बाड़ाहाट की ओर से वाहन पार्किंग करवाई जाती है तो साथ ही अवैध से सब्जी मंडी का संचालन भी इस मैदान में करवाया जाता है। इससे यह प्रमुख ऐतिहासिक मैदान कीचड़ का मैदान में तब्दील हो चुका है। शांति रावत ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में अवगत कराया कि दिवंगत विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत ने इस आजाद मैदान के सौंदर्यीकरण को अपनी प्राथमिकताओं में रखा था। मैदान में वाहन पार्किंग की नौबत न आए, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से उत्तरकाशी में बहुप्रतिक्षित बस अड्डे के निर्माण की घोषणा की गई। नगर पालिका की भारी लापरवाही इस मैदान की बदहाली के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने मुख्यमंत्री जी से मांग की है कि मैदान को पुराने स्वरूप में लाने और इसे पूर्व की भांति खेल व सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए आवश्यक है। नगर पालिका इस मैदान को वाहन पार्किंग व सब्जी मंडी के रूप में प्रयोग न करे और उत्तरकाशी जिला मुख्यालय होने के साथ ही चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव भी है। ऐसे में दिवंगत विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत के अथक प्रयास से राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत बस अड्डे का निर्माण भी तत्काल शुरू किया जाना नितांत आवश्यक है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।