ग्रेड पे को लेकर उत्तराखंड पुलिस में फिर से रार, शुरू हुई पोस्टर वार, कुछ तो करो सरकार
उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों में ग्रेड पे की मांग को लेकर सरकार से नाराजगी चल रही है। करीब दो साल पहले भी पुलिस कर्मियों ने मांगों को लेकर अपरोक्ष रूप से आंदोलन चलाया था। इसके तहत मैस में भोजन न करके मौन विरोध जाहिर किया गया था। इस आंदोलन का नाम मिशन आक्रोश दिया गया था। तब बांह में काली पट्टी बांधने के साथ ही पुलिस कर्मियों ने सोशल मीडिया में भी वार छेड़ दी थी। तब किसी तरह पुलिसकर्मियों को मनाकर शांत कर लिया गया था। अब फिर से पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड-पे देने की मांग को लेकर प्रदेश में एक बार फिर से आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
हाल ही में उत्तराखंड में पुलिस कर्मियों के ग्रेड वेतन को लेकर गठित कैबिनेट की उपसमिति की पहली बैठक में वेतन विसंगति के संबंध में चर्चा की गई थी। समिति ने इस मसले पर अधिकारियों को अगली बैठक में वेतन से संबंधित पूरे आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा ताकि इसका समाधान निकाला जा सके। पुलिस में कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल को सातवें वेतनमान के अनुसार ग्रेड पे न मिलने के कारण पुलिस कर्मियों में नाराजगी है।
दरअसल, सातवें वेतनमान में एसीपी की व्यवस्था समाप्त कर 10, 20 और 30 साल की सेवा पर तीन पदोन्नति देने या पदोन्नति के पद न होने की दशा में ग्रेड-पे बढ़ाने का प्रविधान है। इस हिसाब से पुलिस कर्मियों को 20 वर्ष की सेवा में 4600 ग्रेड पे मिलना चाहिए, लेकिन उन्हें 2800 ग्रेड पे दिया जा रहा है। इसे लेकर पुलिस कर्मियों में खासा असंतोष है। इसे देखते हुए सरकार ने मामले के निस्तारण को कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया था। मंगलवार 23 जुलाई को उप समिति की बैठक हुई।
इससे पहले भी करीब एक माह माह पूर्व भी पुलिस कर्मियों के आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। पुलिस के खुफिया विभाग ने मुख्यालय को रिपोर्ट दी है कि पुलिस जवान, उनके स्वजन और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी विरोध में 15 अगस्त को एक बड़ी रैली निकाल सकते हैं। इसे लेकर तब पुलिस मुख्यालय की ओर से उनकी समस्या के समाधान के लिए कमेटी गठित करने की बात कही गई।
अब फिर पुलिस कर्मियों की मांग को लेकर सोशल मीडिया में मंगलवार से इंटरनेट मीडिया में पोस्टर वायरल हो रहा है। पोस्टर में 25 जुलाई को गांधी पार्क में पुलिसकर्मियों की सामूहिक सभा के आयोजन का जिक्र है। साथ ही इसमें शामिल होने के लिए पुलिसकर्मियों के परिवारों से गांधी पार्क पहुंचने की अपील की गई है। हालांकि, इस मामले में पुलिस के आलाधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
आगामी 25 जुलाई को गांधी पार्क में सामूहिक सभा के आयोजन संबंधी संदेश फेसबुक पर ‘पुलिस की आवाज’ नाम के पेज से वायरल हुआ। इससे पहले इंटरनेट मीडिया में ही पुलिसकर्मियों के 15 अगस्त को रैली निकालने का संदेश भी वायरल हुआ था।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में मुख्य सचिव की देखरेख में कमेटी गठित की गई थी। सरकार बदलने के बाद अब एक सब कमेटी बनाई गई, लेकिन अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। बताया जा रहा है कि शासन स्तर पर 4200 ग्रेड-पे की बात भी उठी, लेकिन यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।