Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 15, 2024

आतंकियों की नौ गोली से छलनी होकर दी थी मौत को मात, अब कोरोना से पंजा लड़ा रहा है ये जांबाज

खुद के शरीर में नौ गोली लगी। इसके बावजूद हिम्मत के सात आतंकियों पर 16 राउंड फायर किये और एक आतंकी को मार गिराया। घायल होने के बाद मौत को मात दी। अब यह जांबाज कोरोना संक्रमित होकर मौत से पंजा लड़ा रहा है।

शांतिकाल में आतंकियों ने गोलियों ने उनके शरीर को छलनी कर दिया। तब भी इस जांबाज ने हिम्मत नहीं हारी। वह आतंकियों का मुकाबला करता रहा। 30 गोलियां दागी। खुद के शरीर में नौ गोली लगी। इसके बावजूद हिम्मत के सात आतंकियों पर 16 राउंड फायर किये और एक आतंकी को मार गिराया। घायल होने के बाद मौत को मात दी। अब यह जांबाज कोरोना संक्रमित होकर मौत से पंजा लड़ा रहा है।
यहां बात हो रही है शांति काल में बहादुरी के दूसरे सबसे बड़े सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन चीता की। कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सीआरपीएफ के इस जांबाज कमांडेट का इलाज झज्जर के एम्स के आईसीयू में चल रहा है। चेतन चीता को कोविड होने पर 9 मई को एम्स में भर्ती कराया गया है। करीब तीन दिन से जब ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा तब से चेतन चीता को वेटिलेंटर पर रखा गया है। एम्स के डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है और सीआरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक उनका हर संभव बेहतर इलाज हो रहा है।
अपनी बहादुरी के लिए चेतन चीता तब चर्चा में आए जब 14 फरवरी 2017 को कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान चेतन बुरी तरह जख्मी हो गए। हाथ, पैर, कुल्हे और पेट में गोलियां लगीं। सिर और चेहरे पर छर्रे लगे। दायीं आंख को नुकसान भी हुआ। देशभर से दुआएं की गईं। एम्स में 100 डॉक्टरों की टीम की मेहनत रंग लाई और 51 दिन एम्म में रहने के बाद इस जाबांज ने मौत को पटखनी दी। मौत को हराकर बुलंद हौसले के साथ फिर से डयूटी ज्वाइन किया था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी चेतन चीता के हालचाल को लेकर एम्स, झज्जर के डॉक्टरों से बातचीत की है। बिरला ने कहा कि वह जांबाज और फाइटर हैं और पिछली बार की तरह जल्द ही स्वस्थ होकर लौट आयेंगे। अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक इस जांबांज से एक बार फिर सबको उम्मीद है कि वह कोरोना को भी हराकर मैदान में लौटेंगे।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page