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November 8, 2024

उत्तराखंड में कोरोना से मौत के आंकड़ों में खेल, डेली मौत कम, टोटल में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी, जानिए क्या है सच

उत्तराखंड में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों से खेल का जो सिलसिला 17 मई से शुरू हुआ, वो थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24 घंटे में होने वाली मौत में कमी आई है, लेकिन मौत का कुल योग अप्रत्याशित तरीके से बढ़ रहा है।

उत्तराखंड में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों से खेल का जो सिलसिला 17 मई से शुरू हुआ, वो थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24 घंटे में होने वाली मौत में कमी आई है, लेकिन मौत का कुल योग अप्रत्याशित तरीके से बढ़ रहा है। यानी पिछले दिनों 17 मई से मौत के योग में पिछले आंकड़े जोड़े जा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या काफी अधिक रही, जिन्हें पहले छिपाया गया। बाद में धीरे धीरे इसे मूल योग में समायोजित किया जा रहा है। ऐसे में डेली रिपोर्ट में 24 घंटे की मौत तो कम हैं, लेकिन कुल योग में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। अब इससे ही समझा जा सकता है कि प्रतिदिन 24 घंटों में होने वाली मौत में 17 मई से 29 मई तक कुल आंकड़ा 1357 है। इस मौत के कुल आंकड़े में हर दिन मौत के कुछ कुछ आंकड़े जोड़े गए। ऐसे में 17 मई से 29 मई की अवधि तक कुल 537 पुरानी मौत को कुल योग में दर्शा दिया गया है। पुरानी मौत के जो आंकड़े जोड़े जा रहे हैं वो भी अप्रैल माह से पिछले करीब एक सप्ताह के हैं।
जोड़ा जा रहा है बैगलॉग
कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग अस्पतालों में बेड के लिए भटक रहे थे। लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। उस दौरान अस्पतालों में कोरोना से मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक थी। पहले इन मौतों को अस्पतालों की ओर से नहीं बताया गया। जब सरकार की तरफ से सख्ती हुई तो अचानक अस्पतालों ने मौत की सूचनाएं देनी शुरू कर दी। अब मौत का बैगलॉग निपट नहीं रहा है। पिछले 13 दिन से मौत के आंकड़ों में हर रोज बैकलॉग भी जुड़ रहा है। इस बैकलॉग ने सिस्टम की बड़ी खामी उजागर की है। इससे साफ पता चलता है कि अधिकारियों का अस्पतालों पर कोई नियंत्रण नहीं है। महामारी में यह स्थिति है तो सामान्य दिनों में हालात क्या होंगे, समझा जा सकता है।
मुकदमें का बैठाया डर तो देने लगे आंकड़े
प्रदेश में एक या दो नहीं, बल्कि कई अस्पताल कोरोना संक्रमितों की मौत की जानकारी छिपाए रहे। शासन ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी, तब जाकर इन्होंने रिकॉर्ड राज्य नियंत्रण कक्ष के साथ साझा किया। राज्य में कोरोना के आंकड़ों का अध्ययन कर रही संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि मई में अब तक कोरोना संक्रमित 3577 मरीजों की मौत हो चुकी हैं। यह अब तक हुई मौत का 57 फीसद है। यह संख्या एकाएक बढ़ने का कारण बैकलॉग भी है। अप्रैल से मई के बीच हुई कई मरीजों की मौत का ब्योरा राज्य नियंत्रण कक्ष को देरी से मिला। पिछले 13 दिन में जो मौत दर्ज की गई हैं, उसमें 35 फीसद बैकलॉग है।
मृत्यु दर में देश में दूसरे नंबर पर उत्तराखंड
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च 2020 को सामने आया था, जबकि पहली मौत एक मई 2020 को हुई। इसके बाद मौत का ग्राफ निरंतर बढ़ता गया। कोरोना से मृत्यु दर राज्य के लिए शुरुआत से चिंता का सबब बनी हुई है। वर्तमान में यहां कोरोना मृत्यु दर 1.94 फीसद है। इस मामले में राज्य देश में दूसरे स्थान पर आ गया है।
घरों में हुई मौत का कोई आंकड़ा नहीं
उत्तराखंड में कोरोना से मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा हो सकती है। क्योंकि घरों में जिन लोगों की मौत हुई, उनका रिकॉर्ड भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं हो रहा है। एक समय तो ऐसी स्थिति आ गई थी की श्मशानघाट पर भी लोगों को दाह संस्कार के लिए आठ से दस घंटे तक इंतजाकर करना पड़ रहा था।


ऐसे जोड़ रहे हैं आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग की और से शनिवार 29 मई की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 327112 हो गई है। इनमें से 283963 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक प्रदेश में कुल 6360 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। एक दिन पहले 28 मई को कुल 6261 लोगों की कोरोना से मौत को दर्शाया गया था। इस तरह से यदि 6261 मौत में शनिवार की 58 मौत जोड़ी जाए तो आंकड़ा 6319 होता है। फिर सवाल उठता है कि मौत का आंकड़ा 6360 कैसे हुआ। इसका कारण है कि पहले मौत के आंकड़े छिपाए गए। पिछली 41 मौत के आंकड़ों को टोटल में दर्ज किया गया। इनमें आठ मौत चंपावत जिले, तीन मौत बागेश्वर जिले और 30 मौत उधमसिंह जिले की है। ये मौत भी 22 अप्रैल से लेकर 26 मई के बीच की अवधि की हैं। देरी से आंकड़े जोड़ने पर हर दिन जारी होने वाली रिपोर्ट में 24 घंटे में मौत के आंकड़े कम नजर आते हैं। वहीं टोटल बढ़ जाता है। ऐसा हर दिन हो रहा है।
ये है खेल
अस्पताल समय से नहीं बता रहे या फिर कुछ और खेल चल रहा है। ये सवाल उठना लाजमी है। सूत्र तो ये भी बताते हैं कि पिछले दिनों काफी संख्या में मौत हुई थी। इसे डेली के आंकड़ों में छिपाने और एक दिन की मौत का आंकड़ा कम दर्शाने के लिए तत्काल नहीं जोड़ा गया। अब मौत के पिछले आंकड़ों को कुल योग में धीरे धीरे जोड़ा जा रहा है। इससे डेली मौत की संख्या कम नजर आएगी और वाहवाही लूटने में आसानी होगी। उत्तराखंड में मौत की दर 1.94 है। वहीं, रिकवरी 86.81फीसद है।
इस सारणी को देखकर समझिए खेल
दिनांक—24 घंटे में मौत—–पिछली मौत—-मौत का योग
15 मई——–197————कुछ नहीं——4623
16 मई——–188————कुछ नहीं——4811
17 मई——–136————–87———-5034
18 मई——–79—————19———–5132
19 मई——-110—————83———-5325
20 मई——–80—————79———–5484
21 मई——–70—————46———–5600
22 मई——–64—————70———–5734
23 मई——–53—————18———–5805
24 मई——–95—————27———–5927
25 मई——–81—————12———–6020
26 मई——–53—————40———–6113
27 मई——–81—————7————6202
28 मई——–52—————8————6261
29 मई——–58————–41————6360
अब तक—- डेली कुल मौत——पिछली जोड़ी गई कुल मौत
योग——————1397——————537

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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