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August 11, 2025

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस-2021 पर बाल एवं छात्र वैज्ञानिकों की प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर  उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बाल और छात्र वैज्ञानिकों की प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की गई।


अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर  उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बाल और छात्र वैज्ञानिकों की प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की गई। हाल ही में इनकी आनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इसमें कोरोनाकाल व लॉकडाउन में घर पर रहकर नए प्रयोगों के मॉडल तैयार कर उसकी वीडियो अपलोड करनी थी। ये प्रतियोगिता यूकोस्ट, स्पेक्स, नासी उत्तराखंड चैप्टर तथा पीजी कॉलेज ऋषिकेश की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।
स्पेक्स के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा एवं मोना बाली ने नन्हे वैज्ञानिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की। विजेताओं में समूह-एक में प्रथम-प्रभजोत सिंह देहरादून, द्वितीय- प्रद्युम्न हरिद्वार तथा तृतीय- अनिकेत, देवीधर हिमाचल प्रदेश रहे। समूह 2 में प्रथम-प्राप्ति सिंह रुड़की, द्वितीय- रिया बिष्ट देहरादून तथा तृतीय- अपराजिता हरिद्वार रहे।


समूह तीन में प्रथम- शगुन गोयल जीबीपीयूएटी, पंतनगर, द्वितीय- नवीन कुमार आरसीयू कॉलेज पुरोला तथा तृतीय- अभिषेक आरसी पीजी कॉलेज उत्तरकाशी रहे। समूह चार में प्रथम- सुनीता पीजी कॉलेज बेरीनाग, द्वितीय- गुंजन कार्की तथा तृतीय-ईशा चौहान, एचवीएम पीजी कॉलेज, हरिद्वार रहे।
वर्चुअल मोड के माध्यम से ‘हम समाधान हैं – प्रकृति के लिए’ थीम पर अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस-2021 कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. जीएस रावत ने कहा कि जैव विविधता का यह वर्ष “हम समाधान हैं -प्रकृति के लिए” थीम पर आधारित है। डॉ रावत ने कहा कि उत्तराखंड एशिया का ‘वॉटर टावर’ है और इसके वाटर सिस्टम को परंपरागत रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का जैव विविधता बोर्ड यहां नीतियां बनाने और शोध कार्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अब जब महामारी में लोग रोजगार छूटने के कारण मैदानों से पहाड़ों की ओर लौट रहे हैं तो ” वोकल फॉर लोकल ” का भी बड़ा महत्व है।
जैव विविधता को उन्होंने “विकसित हो रहा विज्ञान” बताते हुए उत्तराखंड की विशेष जैव विविधता के अनुसार ” ग्रीन इकोनामी ” हेतु इसका उपयोग करने पर जोर दिया। डॉ रावत ने पिछले जैव विविधता की थीम नेचर बेस सलूशन पर 2020 में हुए कार्यक्रमों तथा शोध का ब्योरा भी कॉन्फ्रेंस में दिया। इससे पूर्व उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने पद्म विभूषण स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को हिमालयी पर्यावरण के लिए उनके असाधारण योगदान पर चर्चा की। साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। गौरतलब है कि स्वर्गीय बहुगुणा ने वर्ष 2018 में यूकोस्ट के विज्ञान धाम में “जैव विविधता पार्क” का उद्घाटन किया था।

प्रो. एएन पुरोहित पूर्व कुलपति, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय तथा प्रो. डीके माहेश्वरी, पूर्व कुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. डीपी उनियाल, संयुक्त निदेशक यूकोस्ट ने कार्यक्रम का समन्वयन किया। डॉ अपर्णा शर्मा, सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर, यूकोस्ट ने मुख्य अतिथि तथा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया। सत्र में जी.एस. रौतेला, सलाहकार, साइंस सिटी देहरादून, डिग्री कॉलेजों के शिक्षक, यूकॉस्ट, आरएससी के कर्मचारी तथा सौ से अधिक छात्रों ने वर्चुअली प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण फेसबुक लाइव तथा यूट्यूब चौनल से भी किया गया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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