विश्वप्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, पहली पूजा पीएम मोदी की ओर से, कल खुलेंगे गंगोत्री के कपाट

उत्तराखंड में चारधामों के कपाट खुलने की प्रक्रिया आज से आरंभ हो गई है। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय पर्व के अभिजीत मुहूर्त पर ठीक दोपहर 12:15 पर खोले गए। इससे पहले सुबह अक्षय तृतीय के शुभ अवसर पर यमुना की उत्सव डोली युमुनोत्री के लिए रवाना हुई थी। यमुना के शीतकाली प्रवास स्थल खरसाली (खुशीमठ) में डोली को भव्य तरीके से सजाया गया। यमुना आरती और यमुना स्तुति के बाद यमुना की डोली को लेकर तीर्थ पुरोहित शनि महाराज के मंदिर में पहुंचे। जहां से यमुना अपने भाई शनि महाराज की अगुआई में यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। इस दौरान खरसाली के ग्रामीणों ने अपने घरों से और दूर खड़े होकर ही मां यमुना के दर्शन किए। कपाट खुलने के साथ ही यमुना की पूजा आगामी छह माह तक यमुनोत्री में होगी।
यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के सुअवसर पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से करवाई गई। इसके लिए चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने 1101 रुपया की धनराशि के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल के माध्यम से मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान को दिलवाई।
इस अवसर पर मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल, पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल, कोषाध्यक्ष प्यारेलाल उनियाल, प्रवक्ता जयप्रकाश उनियाल, सह सचिव विपिन उनियाल, सदस्यों में प्रकाश उनियाल, अंकित उनियाल, पंकज उनियाल, भागेश्वर उनियाल, नितिन उनियाल, अरविंद उनियाल, सचिदानंद आदि मौजूद थे।
केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली रवाना
बाबा केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली आज श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से सादगीपूर्वक केदारनाथ धाम को प्रस्थान हुई। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपरमुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्पवान सहित प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
डोली आज रात्रि गौरीकुंड में पहुंच गई, जो वहीं प्रवास करेगी। 15 मई को केदारनाथ की उत्सव डोली बाबा केदार पहुंचेगी। दो दिन केदारनाथ में विश्राम करने के बाद 17 मई को प्रातः ब्रह्ममुहूर्त पर विशेष पूजा अर्चना के साथ सुबह पांच बजे बाबा केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे। इसमें उत्तराखंड सरकार व जिला प्रशासन, चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य, हकहकूकधारी, तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज उपस्थित रहेंगे। इस बार चारधाम यात्रा स्थगित है। अत: कोरोना महामारी को देखते हुए केवल मंदिरों के कपाट खुल रहे है। पूजापाठ से जुड़े कुछ ही लोगों को धामों में जाने की अनुमति दी गयी है।
गंगा की डोली ने किया प्रस्थान
सुबह 14 मई 11 बजकर 45 मिनट पर पूजा अर्चना के बाद गंगा मां की भोग मूर्ति डोली की यात्रा मुखवा से गंगोत्री के लिए प्रस्थान कर शाम को भैरव घाटी के आनंद भैरव मंदिर में विश्राम के लिए पहुंच गई। अगले दिन 15 मई को गंगोत्री को प्रस्थान करेगी और प्रातः मिथुन लग्न और मृगशिरा नक्षत्र पर विशेष पूजा अर्चना के साथ मां गंगोत्री के द्वार खोले जाएंगे। मां अक्षय तृतीया का यह शुभ मुहूर्त बैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है। इसका शुभ समय इस वर्ष 14 मई 2021 शुक्रवार को सुबह पांच बजकर 38 मिनट से 15 मई को शनिवार के दिन सुबह सात बजकर 59 मिनट तक रहेगा।
बदरीनाथ धाम
बदरीनाथ की विशेष डोली पांडुकेश्वर से 17 मई को विशेष मुहूर्त पर चलकर बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और 18 मई को प्रातः विशेष पूजा अर्चना के साथ चार बजकर 15 मिनट पर नर पूजा के लिए भगवान बदरीनाथ कपाट खोले जाएंगे। इससे पूर्व छह माह शीतकालीन पूजा अर्चना स्वयं नारदजी व देवी देवताओं के द्वारा की जाती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।