मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल ने उत्तरकाशी के ग्रामीणों को बताए पर्यटन व्यवसाय से जुड़ने के गुर
उत्तरकाशी वन प्रभाग अन्तर्गत मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक ने उत्तरकाशी वन प्रभाग का दो दिवसीय दौरा कर ग्रामीणों ने मुलाकात की। मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल बनने के बाद यह उनका प्रथम दौरा है। उन्होंने अपने भ्रमण के दौरान उत्तरकाशी वन प्रभाग के विभिन्न कार्यों कि समीक्षा की। साथ ही ग्रामीणों के साथ भी बैठक की। उन्होंने जंगली जानवरों से फसल के नुकसान को कम करने के लिए कई योजनाओं की भी जानकारी दी।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के अन्तर्गत लंका नामक स्थान पर प्रस्तावित विश्व के प्रथम हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का उन्होंने स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों की आजीविका संवर्धन के लिए सिक्योर हिमालय परियोजना अन्तर्गत चयनित 14 ग्रामों के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
उन्होंने बताया कि इसके बनने से इस क्षेत्र मै पर्यटन में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्र के युवाओं को स्वरोजार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम सेक्योर हिमालय परियोजना के माध्यम से इस केंद्र से जुड़ा हुआ है, जो कि विश्व स्तर पर इसको पहचान दिलाने मै मदद करेगा। इससे विदेशी पर्यटक भी अधिक संख्या मै आकर्षित होंगे।
वन्य जीव के फसलों को नुकसान पहुंचाने पर बोले
वन्य जीवों द्वारा फसल को छती की समस्या पर पटनायक ने ग्रामीणों को बताया कि वन विभाग लंगूरों एवम् बंदरों की समस्या से निपटने के लिए एक मंकी रेस्क्यू केंद्र ऋषिकेश मै बना रहा है। जहां बंदरों एवम् लंगूरों को रखा जाएगा। उनकी जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए उनको स्टरिलाइजेशन भी किया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक जी इस बात पर भी जोर दिया कि भालू की समस्या से निजात पाने के लिए वन विभाग आगरा के एक्सपर्ट से संपर्क करेंगा।
चमोली और उत्तरकाशी में भालू रेस्क्यू केंद्र का प्रस्ताव
उच्च हिमालय क्षेत्र के जनपद उत्तरकाशी एवम् चमोली मै भालू रेस्क्यू केंद्र स्थापित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे जाएंगे। बैठक प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी संदीप कुमार ने मीणों को वन प्रभाग से ग्रामीणों कि मदद के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया लगभग 50 युवाओं को सिक्योर हिमालय परियोजना के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए साहसिक पर्यटन, होम स्टे एवं बर्ड वाचिंग इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इसी के साथ ही उनको आगे सहयोग प्रदान करने के लिए एक वेबसाइट भी बनाई जाएगी। इसमें उन्हें शामिल कर ट्रेकिंग की अनुमति, होम स्टे की बुकिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सिक्योर हिमालय परियोजना की कई अनूठी पहल में 100 युवाओं को पांच राज्यों से एक साल के लिए वॉलंटियर के तौर पर कार्य दिया जाएगा।
धराली निवासी सचिंद्र पंवार धराली ने फसल छाती रोकने एवम् मानव वन्य जीवों के संघर्ष को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। बताया कि उन्होंने एक यंत्र लगाया है, जिसको कैनन गन कहा जाता है। इसे उन्होंने किसानों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
इस मौके पर गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक आरएन श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी आरबी सिंह, हर्षिल ग्राम प्रधान दिनेश रावत, धराली वन सरपंच दुर्गेश रावत, हर्षिल इको विकास समिति अध्यक्ष माधवेन्द्र रावत, धराली जैव विविधता समिति अध्यक्ष प्रथम सिंह पंवार, वन क्षेत्राधिकारी गंगोत्री राष्ट्रीय उधान प्रताप पंवार, वन क्षेत्राधिकारी गंगोत्री वन पूजा चौहान, एवम् सिक्योर हिमालय परियोजना सहयोगी उम्मेद धाकड़ आदि मौजूद रहे।
उत्तरकाशी से सुमित कुमार की रिपोर्ट।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।