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December 23, 2024

भारत बंदः रेल पटरियों पर बैठे किसान, 31 ट्रेनें हुई खड़ी, गाजीपुर के पास एनएच बंद

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आज 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया है।

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आज 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया है। नवंबर से चल रहा आंदोलन जो धीमा पड़ गया था, आज फिर से गरम होता नजर आ रहा है। किसानों का बंद शाम छह बजे तक रहेगा।
राजधानी दिल्ली के आसपास कई इलाकों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी यह भी मिली कि किसानों ने गाजीपुर के पास NH 9 बंद किया है। बीच में पुलिस ने ये रास्ता खोला था। किसानों के रास्ते बंद करने के बाद पुलिस ने भी बैरीकेड लगा दिए हैं। दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को पुलिस ने बंद कर दिया है।
कई मेट्रो स्टेशनों पर भी यातायात प्रभावित
डीएमआरसी ने जानकारी दी है कि पहले टिकरी बॉर्डर, पंडित श्री राम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट बंद कर दिया गया था। बाद में टिकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशन के एंट्री-एग्जिट खोल दिए गए हैं।
ट्रेन परिचालन पर किसान आंदोलन का व्यापक असर
दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली अमृतसर (अप-डाउन दोनों), कालका से दिल्ली आने वाली यानी टोटल 4 शताब्दी ट्रेनें कैंसल कर दी गई हैं। नई दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़, फिरोजपुर जैसे स्टेशनों पर 31 ट्रेनें खड़ी कर दी गई हैं।
पंजाब में किसानों ने रेल की पटरी जाम की
पंजाब के अमृतसर में किसानों के समूह ने रेल की पटरियां जाम कर दी हैं। सुबह से ही किसान रेल पटरियों पर बैठ गए हैं। आंदोलन का ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में है। जहां जगह जगह रेल की पटरियों में किसान बैठे हैं।

उत्तराखंड के देहरादून में दिया धरना

किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रेड यूनियनों ने देहरादून के गांधी पार्क के समक्ष धरना दिया। हालांकि उत्तराखंड में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा। इस मौके पर जिला प्रशासन के माध्यम से दस सूत्री प्रमुख मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। इसमें चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, बिजली बिल 2020 वापस लेने, निजीकरण वापस लेने, सभी गैर आयकर दाता परिवारों के खाते में 7500 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से हस्तांतरित करना, सभी जरूरतमन्दों को 10किलो राशन प्रति व्यक्ति देने, कम से कम700रूपये दैनिक मजदूरी के साथ 200 दिन का काम मनरेगा के तहत कानूनी रूप से गारन्टी, एनपीएस निरस्त करते हुऐ पुरानी पेंशन बहाल करने, सभी को सामाजिक सुरक्षा, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा लागू करने की मांग की गई।
इस अवसर पर आयोजित सभा को सीटू के प्रान्तीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, एटक के प्रान्तीय उपाध्यक्ष समर भण्डारी, महामंत्री अशोक शर्मा, बीरेन्द्र सिंह नेगी, एपी अमोली, नीरज भण्डारी, बीरेंद्र नेगी, गगन कक्कड़, एस एस रजवार बैंक, चित्रा गुप्ता, रजनी गुलेरिया, महेंद्र शर्मा, मोनिका, दीपक शर्मा, आनंद रमोला, जीवन सिंह, शैलेंद्र, सीटू अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, अनिलकुमार, संजय थापा, अनिल कनौजिया, रविन्द्र नौडियाल, एटक के ईश्वर पाल सिंह, कर्मचारी महासंघ के एस एस नेगी, एसएफआई के प्रान्तीय अध्यक्ष नितिन मलेठा, अश्वनी त्यागी, मोहन थापली, धनश्याम गुरूंग, अनन्त आकाश, रामराज पाल, मीना वर्मा, जीडी डंगवाल, रधुवीर सिंह आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सीटू के प्रान्तीय सचिव लेखराज ने किया। ज्ञापन अपर तहसीलदार श्री जसपाल सिंह राणा ने लिया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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