कोरोना के बढ़ते मामलों को देख केंद्र ने राज्यों को दी प्रतिबंध लगाने की छूट, गृह मंत्रालय ने नई गाइडलाइन की जारी

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब केंद्र ने राज्यों के स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने की छूट दे दी है। गृह मंत्रालय की जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि राज्य अपने मूल्यांकन के आधार पर स्थानीय स्तर पर बंदिशें लगा सकते हैं। साथ ही स्पष्ट किया कि कंटेनमेंट जोन के बाहर किसी भी गतिवधि को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा।
केंद्र ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि आरटीपीसीआर जांच, जांच-निगरानी, उपचार प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू किया जाए। सभी प्राथमिकता समूहों के टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। गृह मंत्रालय ने अप्रैल के लिए नया दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 के मामलों में फिर से तेजी के मद्देनजर नए संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द पृथक करने और समय पर उपचार करने की जरूरत है।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश के सभी हिस्से में जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए। हर किसी द्वारा कोविड-19 के मानक प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और सभी लक्षित समूहों को ”कवर” करने के लिए टीकाकरण बढ़ाना चाहिए।
इनमें कहा गया है कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का जल्द से जल्द पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें पृथक करना चाहिए। गृह मंत्रालय ने कहा कि संक्रमित मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के आधार पर जिले के अधिकारियों द्वारा निरूद्ध क्षेत्रों का सावधानीपूर्वक चिह्नीकरण करना चाहिए। इसने कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आरटी-पीसीआर की जांच दर कम है, वहां कुल जांच का 70 फीसदी तक पहुंचने के लिए उसे तेजी से जांच दर बढ़ानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है। इसमें कहा कि टीकाकरण अभियान जहां सुचारु चल रहा है वहीं टीकाकरण की प्रक्रिया विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समरूप नहीं है। कुछ राज्यों में टीकाकरण की धीमी गति चिंता का कारण है। दिशानिर्देश में कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य में संचरण की कड़ी को तोड़ने के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।