चमोली में आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों की मदद को संस्थाएं भी बढा रहीं हाथ
उत्तराखंड के चमोली जनपद में सात फरवरी को आई आपदा से प्रभावित ग्रामीणों के साथ ही राहत और बचाव कार्य में लगे लोगों की सुविधा के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। सात फरवरी को ऋषिगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से दो जल विद्युत परियोजनाएं ध्वस्त हो गई थी। इस आपदा में करीब 206 से अधिक लोगों की मौत का आंकलन है। अभी भी आपदा में लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है।
इस प्राकृतिक आपदा से पैंग, मुरूंडा, जुग्जु, जुवाग्वाड़ के अलावा चिपको की जननी गौरा देवी के गाँव वल्ला रैणी और पल्ला रैणी सहित कई गांव प्रभावित हुए। आपदा के तुरंत बाद प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव के कार्य प्रारंभ हुए। उसी दौरान अलकनन्दा घाटी शिल्पी फैडरेशन (आगाज़ फैडरेशन) पीपलकोटी ने रिलायंस फाउण्डेशन को मदद के लिए आग्रह किया गया। साथ ही स्थानीय समाजसेवी संस्था जनमैत्री जो पूर्व से ही लंगर/कम्यूनिटी किचन चला रही थी, के साथ मिलकर सेवा का अभियान शुरू किया। 15 फरवरी से 26 फरवरी तक कुल 12 दिन तक रैस्क्यू और बचाव के कार्यों में लगे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों के साथ-साथ सड़क और पुल निर्माण में लगे सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों और मजदूरों को नियमित रूप से दोपहर का भोजन करा रहे हैं।
रिलायंस फाउण्डेशन के ऋतुराज प्रसाद ने बताया कि आगाज़ और रिलायंस फाउण्डेशन के साथियों ने आईएजी उत्तराखण्ड के समन्वयन में लगभग 12 दिन में लगभग 3000 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। आगाज़ फैडरेशन के समन्वयक एवं टीम लीडर जयदीप किशोर ने बताया कि उनकी टीम द्वारा आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए- वल्ला रैणी, पल्ला रैणी, पैंग, मुरूंडा, जुग्जु और जुवाग्वाड में 150 परिवारों को रिलायंस फाउण्डेशन की ओर से प्रदान की गई। ड्राइ राशन किट स्थानीय टीम लीडर पूरण सिंह राणा, आगाज़ के स्वयंसेवक अनुज नंबूदरी, भुवना देवी, अभिषेक कुमार, भरत लाल, नरेन्द्र मुले , सचिन टम्टा और अजय राज के साथ मिलकर वितरण किया गया।
आपदा राहत वितरण के कार्यों में रिलायंस फाउण्डेशन के जुबिन मैथ्यू, ऋतुराज प्रसाद और अमित सेन ने सहभागिता निभाई। साथ ही जनमैत्री संस्था के प्रदीप चैहान, सुनील तिवारी, जितेन्द्र ने भी सामुदायिक किचन के संचालन में मदद की। इस कार्यक्रम के लिए कासा उत्तराखण्ड ने जनमैत्री को संसाधन उपलब्ध कराये और आईएजी उत्तराखण्ड ने भी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से समन्वयन में सहयोग किया। दूसरी ओर संपूर्ण अभियान के समन्वयन और संचालन का कार्य आगाज़ फैडरेशन के अध्यक्ष जेपी मैठाणी की देखरेख में संपादित किया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।