उत्तराखंडः रुड़की और बाजपुर में पटरी पर बैठे किसान, किच्छा में टोल प्लाजा फ्री कराया, डोईवाला में प्रदर्शन
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों की ओर से दोपहर 12 बजे से चार बजे तक रेल रोको आंदोलन का असर उत्तराखंड में भी नजर आया। रुड़की और बाजपुर में किसान रेल की पटरी पर बैठे। वहीं, किच्छा में किसानों ने टोल प्लाजा पर धरना देकर टोल फ्री कराया।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आज दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक देश भर में रेल को रोककर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। इसी के तहत किसान गुरुवार की सुबह उधमसिंह नगर के किच्छा में चूकटी स्थित टोल प्लाजा पर एकत्र हुए। किसान लालपुर पुलिस चौकी के सामने दरी बिछा कर बैठ गए। किसानों ने टोल प्लाजा फ्री कराया। वहीं, आंदोलन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
बाजपुर में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के नेतृत्व में किसान रेल की पटरी पर सुबह से ही बैठ गए। हालांकि यहां लोकल ट्रेन नहीं चल रही हैं। ऐसे में यहां रेल र रोको आंदोलन प्रतीकात्मक रहा। किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को शीघ्र पूरा करने के साथ ही तीनों कृषि कानूनो को अविंलंब निरस्त करना चाहिए।
किसानों ने रेलवे ट्रैक पर दिया धरना जमकर की नारेबाजी
भारतीय किसान यूनियन उत्तराखंड, किसान मोर्चा. अखिल भारतीय किसान यूनियन और किसान कामगार मोर्चा की ओर से रुड़की रेलवे स्टेशन पर धरना दिया गया। जब किसान रेलवे ट्रैक की ओर बढ़ रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस बात को लेकर किसानों व पुलिसकर्मियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। किसी तरह से पुलिस अधिकारियों ने किसानों को मनाने की कोशिश की लेकिन, वे नहीं माने। इसके बाद किसान एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंचे और रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर धरना शुरू कर दिया।
इस मौके पर उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। तीनों कृषि कानून का पूरे देश में विरोध हो रहा है। इसके बावजूद सरकार कानून वापस नहीं ले रही है। सरकार को चाहिए कि तत्काल कानून वापस ले। भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि किसान अब किसी भी सूरत में कदम वापस नहीं खींचेंगे। सरकार को यह कानून वापस लेना होगा।
इस मौके पर किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह भाटी, रवि चौधरी आदि मौजूद रहे। करीब घंटा भर रेलवे ट्रैक पर रहने के बाद किसानों ने नायब तहसीलदार को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया। इस दौरान एसपी देहात परमिंदर डोभाल, एसपी जीआरपी मनोज आदि मौजूद रहे।
डोईवाला रेलवे स्टेशन पर किसानों का प्रदर्शन
अखिल भारतीय संघर्ष मोर्चा उत्तराखंड के आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले डोईवाला रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि काले कृषि कानूनों का देश भर में विरोध हो रहा है। वक्ताओं ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोविड महामारी के दौरान किसानों मजदूरों के मांगों पर ध्यान देने के बजाय किसानों के विरुद्ध तीन कृषि कानून व अधिकारियों कर्मचारी मजदूरों के पक्ष में बने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर चार कानून बना दिए। यही नहीं भारतीय विद्युत अधिनियम को भी संशोधित करने के लिए अधिनियम तैयार किया गया।
अखिल भारतीय किसान मोर्चा आइन कृषि कानूनों और विद्युत अधिनियम को रद्द करने के लिए आंदोलनरत है। वक्ताओं ने कहा है कि मोदी सरकार किसान और मजदूरों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, छात्रों नौजवानों का दमन कर रही है। जो कि तानाशाही कदम है इसलिए देश के बच्चे बच्चे को संगठित होकर सरकार की तनाशाही के विरुद्ध एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि देश में लोकतंत्र एवं बहुत कुर्बानियों से हासिल आजादी की हिफाजत के लिए तन मन धन से इस आंदोलन को सफल करने में मदद करें।
सभा में किसान नेता दलजीत सिंह, कमरूद्दीन, राजेन्द्र पुरोहित, माला गुरूंग, सुधा देवली, अश्विनी त्यागी, जाहिद अन्जुम, याकूब अली, हरेंद्र वालिया, अमीर हसन, राजेन्द्र सिंह, कमल अरोडा, मनोहर सिहं, बलबीर सिंह, करनैल सिह, पुरूषोत्तम बडोनी, धर्मानन्द लखेडा, खालिद, संजय पुण्डीर, पूरण सिह, गुरविन्दर जरनैल सिह, शमशाद अली, इलियास अली आदि ने विचार व्यक्त किए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।