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September 21, 2024

आपदा प्रभावित क्षेत्र में लगने लगा नेताओं का जमावड़ा, चलेंगे फोटो सेशन, हरीश रावत व भगत ने किया दौरा

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी आपदा प्रभावित गांवों के लोगों से मिलने को रवाना हो गए हैं।

चमोली गढ़वाल में जल प्रलय से मची तबाही के बाद अब वोटों की गिनती का कार्यक्रम राजनीतिक दलों की ओर से शुरू हो चुका है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित अन्य बड़े नेताओं के आह्वान पर भाजपाई आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी कल शाम की हल्द्वानी से जोशीमठ के लिए रवाना हो गए थे। उन्होंने आज प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वहीं,  कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहती। ऐसे में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी आपदा प्रभावित गांवों के लोगों से मिलने को तपोवन पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी थे।

यही नहीं,  अगले कुछ दिनों के भीतर यहां राजनीतिक दलों का जमावड़ा लगने वाला है। फोटो सेशन शुरू होने वाले हैं। अच्छा होता कि जब सब कुछ नियंत्रित हो जाता, तब ही राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को मौके पर जाने की अनुमति मिलती। सरकार के मंत्री, पार्टी के नेता, विपक्षी दलों के लोग बाद में ही जा सकते थे। बड़े नेताओं के मौके पर जाने से पुलिस व अधिकारी उनकी आवाभगत में जुट जाती है। ऐसे में राहत व बचाव का काम भी प्रभावित होता है। वहां मुख्यमंत्री प्रदेश के मुखिया होने के नाते मौजूद रहे थे। वह मानिटरिंग भी निरंतर कर रहे हैं। ऐसे में अन्य मंत्री या नेताओं का वहां पहुंचने का कोई औचित्य नहीं बनता है। वहीं, वीआइपी के दौरों से रेस्क्यू कार्य प्रभावित होने की संभावना भी रहती है।
चमोली में रविग्राम मैदान तक हेलीकॉप्टर से पहुंचने के बाद हरीश रावत आपदा प्रभावित गांवों की ओर कार से निकले और तपोवन पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जितनी क्षमता है, उसका जवान पूरा उपयोग कर रहे हैं। हम आर्मी, प्रशासन, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित स्थानीय लोग जो मदद कर रहे हैं, उनका धन्यवाद देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहत काम पॉजिटिव तरीके से चल रहा है। भगवान से हाथ जोड़ रहे हैं कि टनल में जो फंसे हैं, सुरक्षित निकलें। साथ ही सरकार से कहना चाहते हैं जो लोग काम कर रहे थे, उनके परिवार को जिस तरीके से हो सके, मदद की जाए। उन्होंने राहत कार्यों से संतुष्टि जताई।

आपदा पीड़ितों से मिले भगत, एक माह का वेतन देंगे
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत ने आपदाग्रस्त चमोली के तपोवन और रैणी गांव पहुँच कर पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिया। इस मौके पर उन्होंने पीड़ितों के लिए अपने एक माह का वेतन आपदा राहत कोष में देने का भी ऐलान किया। भाजपा अध्यक्ष भगत ने कहा कि आपदा में जो जन हानि हुई है उसकी तो कभी भरपाई नहीं हो सकती है, लेकिन पीड़ितों की सम्स्याओ को प्राथमिकता से हल किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर आपदा राहत कार्यों में जुटी हुयी है। आपदा राहत कार्यों का जायजा लेने के पश्चात श्री भगत ने कहा कि आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियां रेस्क्यू कार्यों में तत्परता से कार्य कर रही है।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व गृह मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और मुख्यमन्त्री दो दिन लगातार स्वयं आपदा राहत कार्यों की समीक्षा के लिए डटे रहे। भगत ने कहा कि हालत को मुख्यमंत्री नजदीक से देख रहे हैं। इससे पहले श्री भगत ने कर्ण प्रयाग में आपदा में मृतक कॉन्स्टेबल मनोज चौधरी के घर पहुँच कर तथा रैणी गांव में आपदा में लापता हुए लोगो के घरों में जाकर परिजनों को सान्त्वना दी। उसके बाद भगत ने तपोवन में भाजयुमो के द्वारा चलाये जा रहे शिविर में खाद्यान्न सामग्री भी दी। भगत ने इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, जिलाध्यक्ष चमोली रघुवीर बिष्ट, जिलाध्यक्ष रुद्रप्रयाग दिनेश उनियाल्, के साथ राहत कार्यों पर चर्चा की। उन्होंने इसके लिए कार्यकर्त्ताओं को आपदा राहत कार्यों में जुटने को कहा ।


भगत के साथ प्रदेश महामन्त्री कुलदीप कुमार, मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान,आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ट के सह संयोजक कुंवर जपिन्दर सिंह, अजीत नेगी, ऋषि सती आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक ऋषिगंगा और धौलगंगा नदी में पानी का जलजला आने से रैणी गांव में ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का डैम धवस्त हो गया था। इसने भारी तबाही मचाई और पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलीगंगा नदी में एनटीपीसी के बांध को भी चपेट में ले लिया। इससे भारी तबाही मची और कई लोग अभी भी लापता हैं। घटना रविवार की सुबह करीब दस बजे की थी। अभी 26 के शव मिल चुके हैं, वहीं, 171 लोग लापता हैं। आपदा से 13 गांवों का संपर्क सड़क से टूट गया है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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