Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 26, 2025

ईईएचवी से हाथियों की मौत रोकने के लिए इंडोनेशिया ले रहा वनतारा की मदद

इंडोनेशिया में फैली गंभीर बीमारी EEHV सुमात्राई हाथियों की जान ले रही है। इससे निपटने के लिए इंडोनेशिया का वन मंत्रालय (Kementerian Kehutanan) भारत के गुजरात स्थित वैश्विक वन्यजीव संरक्षण केंद्र वनतारा से तकनीकी सहयोग ले रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन की ओर से अनंत अंबानी की ओर से स्थापित वनतारा हाथियों के इलाज, बीमारी की समय रहते पहचान और निवारक देखभाल के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के जरिये इंडोनेशियाई अधिकारियों की मदद कर रहा है। ताकि EEHV के कारण हो रही मौतों पर प्रभावी ढंग से काबू पाया जा सके। सुमात्राई हाथी पहले से ही विलुप्ति के गंभीर खतरे में हैं और IUCN ने इन्हें अत्यंत संकटग्रस्त श्रेणी में रखा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह कदम रियाउ प्रांत के सेबांगा एलीफेंट कंज़र्वेशन सेंटर में एक कम उम्र के हाथी की EEHV से मौत के बाद उठाया गया। इसके बाद इंडोनेशियाई सरकार ने अपने स्थानीय सहयोगी फॉना लैंड इंडोनेशिया के जरिए वनतारा से तकनीकी मदद मांगी, ताकि बीमारी को समय रहते पहचाना जा सके और हाथियों का बेहतर इलाज हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस सहयोग के तहत वनतारा के पशु-चिकित्सक, जीवविज्ञानी और अन्य विशेषज्ञ रियाउ पहुंचे हैं। ये विशेषज्ञ इंडोनेशियाई अधिकारियों के साथ मिलकर हाथियों की सेहत की जांच कर रहे हैं, बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दे रहे हैं और देखभाल के तरीकों को मजबूत बना रहे हैं। खासतौर पर उन हाथियों पर फोकस किया जा रहा है जो मानव देखरेख में हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वनतारा इलाज से जुड़ी जांच, बीमारी से बचाव, और संभावित एंटीवायरल दवाओं पर तकनीकी सलाह दे रहा है। साथ ही, हाथियों की सेहत से जुड़े आधारभूत आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं और महावतों व स्थानीय पशु-चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का वन्यजीव संरक्षण केंद्र है, जहां हाथियों के इलाज के लिए अत्याधुनिक अस्पताल मौजूद है। यहां बीमारी को शुरुआती स्तर पर पहचानने और रोकने पर खास जोर दिया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

फिलहाल यह पहल रियाउ के बुलुह चीना नेचर टूरिज़्म पार्क तक सीमित है, लेकिन आगे चलकर इसे टेसो निलो नेशनल पार्क, सेबांगा, वे कंबास और इंडोनेशिया के अन्य इलाकों में भी लागू करने की योजना है। यह भारत–इंडोनेशिया सहयोग सुमात्राई हाथियों के संरक्षण को मजबूत करेगा।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *