ग्राफिक एरा में विशेषज्ञों ने खाद्य सुरक्षा को ग्राम्य विकास से जोड़ा

देहरादून स्थित ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में वर्ल्ड फूड डे पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने खाद्य उद्योग, फूड प्रोसेसिंग और जैव मूल्यांकन के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण सशक्तिकरण के गुर सिखाए। सम्मेलन को संबोधित करते हुए एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट एंड टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया के प्रेसिडेंट डेजिग्नेट परमजीत सिंह मानेसर ने कहा कि खाद्य उद्योग विश्व भर में अपार मात्रा में अपशिष्ट उत्पन्न करता है, जो पर्यावरण और संसाधन संरक्षण दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से फूड इंडस्ट्री से उत्पन्न उत्पादों के जैव मूल्यांकन और उनके कुशल प्रबंधन के लिए अपनाई जा रही आधुनिक तकनीकों की जानकारी साझा की। परमजीत ने कहा कि इन उप उत्पादों को मूल्यवर्धित उत्पादों में परिवर्तित करना केवल पर्यावरणीय समस्याएं घटेंगी, बल्कि उद्योग और अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मेगास्टार फूड लिमिटेड के क्वालिटी महाप्रबंधक भूपेंद्र सिंह खटकड़ ने कहा कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसका समाधान केवल उत्पादन बढ़ाने में नहीं, बल्कि कृषि और फूड प्रोसेसिंग उद्योग को प्राथमिकता देने में है। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर न केवल किसानों को सशक्त बनाता है बल्कि यह कृषि उत्पादों के वास्तविक मूल्य को भी उजागर करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देना सतत् विकास और बेहतर भविष्य की दिशा में ठोस कदम साबित होगा। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने भी सम्मेलन में संबोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न फूड स्टॉल्स भी लगाए। इन स्टॉल्स पर उन्होंने केक, चॉकलेट खाखरा, चाट, काठी रोल सहित अनेक स्वादिष्ट व्यंजन पेश किया जो दिखने में आकर्षक और स्वाद में लाजवाब थे। सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट एंड टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया के सहयोग से किया। कार्यक्रम में फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डा. विनोद कुमार के साथ डा. संजय कुमार, डा. बिंदु नायक, डा. अंकिता डोभाल, डा. कृष्ण आयुष अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।