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October 18, 2025

राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय में गूंजा नारा, वोट चोर गद्दी छोड़

देशव्यापी वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान के तहत उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के देहरादून में रिंग रोड स्थित राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय का घिराव किया। इस दौरान जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। साथ ही प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह से तत्काल राज्य के राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार को बर्खास्त करने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय पहुंचे। जहां कार्यक्रम की सूचना पा कर पहले ही बड़ी संख्या में सीओ रायपुर के नेतृत्व में भरी पुलिस बल तैनात था। आयोग के कार्यालय के मुख्य द्वार से धस्माना के नेतृत्व में कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय की ओर आगे बढ़े तो सीओ रायपुर नेबताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय में उपस्थित नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस पर कांग्रेस नेता धस्माना व अन्य कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और पूरा आयोग परिसर वोट चोर गद्दी छोड़ के नारों से गूंज उठा। काफी देर तक प्रदर्शन के बाद आयोग के सचिव राहुल प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और कहा कि कोई ज्ञापन हो तो वे उनको सौंप दें। इस पर धस्माना ने कहा कि आज वे ज्ञापन देने नहीं, बल्कि राज्य निर्वाचन आयुक्त को कुर्सी से हटाने आए हैं। क्योंकि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रदेश के त्रि स्तरीय पंचायत चुनावों में पंचायती राज कानून का उल्लंघन किया और राज्य के चुनावों को प्रभावित करने वाला कानून विरोधी कार्य किया। इस कारण राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने दो बार स्थगन आदेश पारित किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यही नहीं, बाद में जब राज्य निर्वाचन आयोग उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गया तो उसको न केवल प्रताड़ना मिली, बल्कि दो लाख रुपये अर्थदंड भी राज्य निर्वाचन आयोग के ऊपर लगाया गया। ये शर्म की बात है। साथ ही सीधे सीधे राज्य निर्वाचन आयोग को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने वोट चोरी का दोषी माना है। इसलिए उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक मिनिट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। ऐसी स्थिति में उनको स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए था। अब राज्यपाल को उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। वरना भविष्य में किसी भी दिन कांग्रेस के कार्यकर्ता स्वयं उनको कुर्सी से उठा कर राज्य निर्वाचन आयोग दफ्तर से बाहर करने के लिए मजबूर होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि देश में वोट चोरी के दो मामले जो न्यायालय की दृष्टि में सिद्ध हुए हैं, उनमें पहला चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का मामला है। इसमें वे वोटों की चोरी करते हुए कैमरे में साफ साफ पकड़े गए। उच्चतम न्यायालय ने उसका संज्ञान ले कर उनको प्रताड़ना दी व चंडीगढ़ के मेयर का निर्वाचन दुरुस्त कर मसीह द्वारा घोषित मेयर को पद से हटा कर हराए गए मेयर को निर्वाचित घोषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि दूसरा मामला वोट चोरी का न्यायालय की दृष्टि में सिद्ध हुआ, वह उत्तराखंड का है। इस वर्ष संपन्न त्रि स्तरीय पंचायत चुनावों में दो जगह नाम वाले मतदाताओं को पंचायती राज कानून के विपरीत चुनाव लड़ने की अनुमति उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने दी। राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय नैनीताल ने स्थगन आदेश दिया। इस पर अमल करने के लिए कहा, किन्तु राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया। ऐसे में वे लोग राज्य में चुनाव लड़े, जिनके नाम दो या दो से अधिक मतदाता सूची में थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी धृष्टता दिखाते हुए न केवल उच्च न्यायालय की अवमानना की, बल्कि उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। जहां उच्चतम न्यायालय ने उनके विरुद्ध टिपण्णी की और राज्य निर्वाचन आयोग पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इस पूरे घटनाक्रम से जहां राज्य निर्वाचन आयोग के कानून विरुद्ध कम करना साबित हुआ, वहीं यह भी साबित हुआ कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के साथ मिल कर वोट चोरी में सहयोग किया। इसलिए ऐसे राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक पल भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शन में मुख्य रूप से उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग अध्यक्ष कर्नल राम रतन नेगी, कांग्रेस श्रम विभाग के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल, प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान, प्रदेश महिला कांग्रेस महामंत्री सुशील शर्मा, सुनील जायसवाल, ललित भद्री, राजेश उनियाल, विनीत कुमार भट्ट बंटू, कमर सिद्दीकी, सोनू काजी, इजहार जगपाल शर्मा ,वीरेश शर्मा, जितेंद्र सिंह बिष्ट, शरीफ बेग, पूनम कंडारी, किशोर उनियाल, अनीस अंसारी, गोपाल गड़िया, यामीन खान,राम गोपाल वर्मा,आनंद सिंह पुंडीर,प्रकाश डबराल, सरदार अमरजीत सिंह, चंद्रपाल, रविश जमाल, दीपक गुप्ता, शुभम सैनी, कारण घाघट, वसी अहमद, सुल्तान अहमद, निधि नेगी समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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