जियो में निवेश मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क, डीप टेक और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी रिलायंसः मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर की जियो में बड़े पैमाने पर निवेश करना उनके करियर का सबसे बड़ा रिस्क था। उस समय कई विश्लेषकों को इसकी सफलता पर संदेह था। उनका कहना था कि भारत इतनी उन्नत डिजिटल तकनीक के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर जियो में निवेश किसी वजह से अपेक्षित लाभ नहीं भी दे पाता, तब भी यह भारत को डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम तो जरूर माना जाता। मैकिन्ज़ी एंड कंपनी को दिए एक साक्षात्कार में अंबानी ने यह खुलासा किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस जियो में निवेश का फैसला आसान नही था। उस समय हम अपना ही पैसा निवेश कर रहे थे और मैं स्वयं बहुसंख्यक शेयरधारक था। हमने बड़े रिस्क उठाए, क्योंकि हमारे लिए स्केल बहुत मायने रखता है और लक्ष्य भी कहीं ऊंचे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
5जी तकनीक पर बात करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो के 5G तकनीक की संपूर्ण संरचना पूरी तरह इन-हाउस विकसित की गई है। हमने कोर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर सहित हर एक घटक खुद बनाया है। हमने केवल 20 फीसद हिस्से में एरिक्सन और नोकिया को शामिल किया। ताकि हम अपने सिस्टम की वैश्विक मानकों की कसौटी पर कस सकें। मैंने अपनी टीम से कहा, तुम्हें इनसे बेहतर बनना है। और उन्होंने कर दिखाया, आज हम वाकई उनसे बेहतर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि मैं हमेशा कहता था कि हमें टेक्नोलॉजी का केवल उपयोगकर्ता नहीं, मालिक बनना होगा। हमें इनोवेटर बनना होगा। रिलायंस आज एक डीप-टेक और उन्नत निर्माण कंपनी बनने की ओर बढ़ रही है। दूरसंचार से हमने इसकी शुरूआत कर दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपने पिता धीरूभाई अंबानी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पिता कहते थे रिलायंस एक प्रक्रिया है, एक संस्था है, जिसे हमारे बाद भी चलना चाहिए। मैं चाहता हूं कि रिलायंस हमारे बाद भी ज़िंदा रहे। 2027 में रिलायंस अपनी गोल्डन जुबली मनाएगा, मेरा सपना है कि रिलायंस 100 वर्षों तक भारत और मानवता की सेवा करता रहे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।