पर्यटकों को बचाने के लिए कश्मीरियों ने लगा दी जान की बाजी, उत्तराखंड में धर्मांध लोग कह रहे कश्मीरी छात्र वापस जाओ, पुलिस आई एक्शन में

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अब ऐसे समाचार सामने आ रहे हैं कि कश्मीरी मूल के लोगों ने पर्यटकों को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। हमले के दौरान एक घोड़ा संचालक सैयद हुसैन खान खुद आतंकियों का हथियार छीनने के लिए उनसे भिड़ गया और मारा गया। वहीं, मारे गए 28 लोगों में तीन मुसलिम थे। गोलीबारी में घायलों को वहां के लोग अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल तक पहुंचे। साथ ही अन्य लोगों को भी बचाने और सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में भी वहां के लोगों ने जान की परवाह तक नहीं की। सोशल मीडिया या अन्य कई ईमानदार मीडिया में इस तरह की खबरें लगातार दिखाई जा रही है। इसके बावजूद इस हमले की घटना को लेकर दूसरे संप्रदाय के लोगों के प्रति जहर उगलना जा रहा है। हालांकि, पाकिस्तान यही चाहता है कि भारत में हिंदू और मुस्लिमों के बीच खाई पैदा हो और पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धर्म के स्वंभू ठेकेदार भी कम नहीं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हिंदू रक्षा दल सहित कई धर्म के ठेकेदारों के संगठनों ने सोशल मीडिया में ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट डाल दी, जिससे शांत उत्तराखंड का माहौल भी खराब हो जाए। देहरादून में बड़ी संख्या में कश्मीरी मूल के छात्र विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों में पढ़ रहे हैं। इनको देहरादून छोड़ने की चेतावनी दी गई है। ऐसी चेतावनी के बाद देहरादून पुलिस हरकत में आ गई। साथ ही सोशल मीडिया से ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट भी हटाई गई हैं। विभिन्न चैनलों में तो बताया जा रहा है कि कई कश्मीरी मूल के लोग खौफ के चलते अपने घर लौटने लगे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस का तर्क
देहरादून पुलिस के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में घटित आतंकवादी घटना के दृष्टिगत जनपद देहरादून में निवासरत, अध्यनरत कश्मीरी मूल के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने अधिनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसमें उन्होंने संबंधित क्षेत्राधिकारियों व थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में अध्यनरत, निवासरत कश्मीरी छात्र-छात्राओं के संपर्क में रहते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला, 28 लोगों की मौत
देहरादून पुलिस के प्रेस नोट में कहा गया कि वर्तमान में जनपद देहरादून विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में कश्मीरी मूल के 1201 छात्र, छात्राएं अध्यनरत है, जिनका पुलिस की ओर से विवरण प्राप्त कर सत्यापन की कार्रवाई की जा चुकी है। साथ ही एसएसपी ने बिधोली चौकी में शैक्षणिक संस्थानों तथा पीजी प्रबंधकों के साथ गोष्ठी भी की। ये गोष्ठी उनके साथ ही गई, जहां कश्मीरी छात्र, छात्राएं अध्यनरत व निवासरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान एसएसपी ने सभी संचालकों को अपने संस्थानों, पीजी में सुरक्षा संबंधी कोई भी बात होने पर तत्काल उससे पुलिस को अवगत कराने तथा छात्र-छात्राओं को अपने विश्वास में लेते हुए उन्हें उनकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करने के निर्देश दिए गए है। इसके अतिरिक्त ऐसे स्थान जहाँ पर कश्मीरी छात्र-छात्राएं अध्ययनरत व निवासरत हैं, उक्त स्थानों पर अतिरिक्त पीएसी का डिप्लॉयमेंट किया गया है, जो नियमित रूप से उक्त स्थानों पर भ्रमणशील रहते हुए कश्मीरी छात्र छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस के मुताबिक, उक्त घटना के संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों पर भी जनपद के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की ओर से लगातार सतर्क दृष्टि रखी जा रही है। अब तक पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित ऐसी 25 पोस्टों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटवाया गया है। साथ ही भड़काऊ भाषण देकर धर्म विशेष के प्रति लोगो की भावनाओ को भड़काने का प्रयास करने वाली एक संस्था के विरुद्ध हेट स्पीच व संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। साथ ही उक्त पोस्ट को डिलीट कराया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।