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June 23, 2025

30 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई जाए जलापूर्ति की कार्ययोजनाः मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी 30 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में जलापूर्ति के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। वर्षा जल संरक्षण और भू जल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएं। जल स्रोतों, नदियों और जल धाराओं के पुनर्जीवीकरण के लिए जन सहयोग लिया जाए और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के सुझाव लेकर उनको आगे की कार्ययोजनाओं में शामिल किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि पेयजल, जल संचय और जल संरक्षण के लिए आगामी 10 सालों और आगामी 30 सालों की आवश्यकताओं के हिसाब से अलग-अलग ठोस प्लान बनाया जाए। राज्य की अंतिम सीमा तक गंगा का जल पूर्ण रूप से पीने लायक हो इस दिशा में कार्य किये जाएं। गंगा की सहायक नदियों पर एसटीपी के कार्य किये जाएं। गंगा की स्वच्छता के लिए जनसहयोग और सुझाव लिये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में पेयजल और जलागम की बैठक के दौरान दिये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लगे कनेक्शनों से लोगों को नियमित जलापूर्ति हो, इसके लिए पुराने जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के साथ ही नये जल स्रोत भी चिन्हित किये जाएं, जिससे गर्मियों में पेयजल की समस्या न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के स्टोरेज टैंक और पेयजल टेंकर की नियमित सफाई की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य में पेयजल की गुणवत्ता की समय-समय पर टेस्टिंग की जाए। गुणवत्ता के सभी मानक सही पाये जाने पर प्राकृतिक जल स्रोतों से निकलने वाले पानी के अधिक उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। लोगों को पेयजल की परेशानी न हो, इसके लिए टोल फ्री नम्बर के साथ ही जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाये जाएं। जन शिकायतों की विभाग स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 05 साल से एक ही स्थान पर तैनात कार्मिकों की सूची उपलब्ध कराई जाए। नई पेयजल लाइन बिछने पर सड़क की खुदाई की शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित विभागों द्वारा समन्वय बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि कि विभिन्न विभागों की जिन परिसंपत्तियों का उपयोग नहीं हो रहा है, उनकी समीक्षा कर सही उपयोग किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड रजतोत्सव वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस युवा प्रदेश मे कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। हमें नवाचारों और बैस्ट प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान देना है, हमारा प्रयास होना चाहिए कि राज्य में कुछ ऐसी योजनाएं बने, जो अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बने। उत्तराखण्ड में सारा के तहत हो रहे कार्यों की भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने भी सराहना की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में जल सखी, जल पुनरुपयोग और पेयजल प्रबंधन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। जल सखी में स्वयं सहायता समूह को जोड़ते हुए लोकल स्तर पर ही बिलिंग, बिल सुधार और योजनाओं के रखरखाव की योजना प्रस्तावित है। इसके साथ ही जल के बेहतर प्रबंधन के लिए एसटीपी से उपचारित जल को बागवानी, सिंचाई, औद्योगिक क्षेत्र, नर्सरी, कार धुलाई, कृषि आदि में उपयोग में लाया जाएगा। गंगा तथा उसकी सहायक नदियों का जल राज्य की अन्तिम सीमा तक ए श्रेणी में ही आगे प्रवाहित हो, इस दिशा मे कार्य किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सारा के अंतर्गत विभागों द्वारा मिलकर क्रिटिकल जल स्त्रोतों कों पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। वर्षा आधारित नदियों के फ्लो और डिस्चार्ज के मापन की भी योजना है। जिसमें आई आर आई रुड़की और राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजिक संस्थान नदियों में किए जाने वाले कार्यों को चिह्नित करेगा। उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना के अंतर्गत पर्वतीय कृषि को लाभदायक और ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव को कम करना है। इसके लिए कृषकों की बंजर भूमि में पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही काश्तकारों को कार्बन क्रेडिट से फायदा देने की भी योजना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुदंरम, सचिव शैलेश बगोली, रणवीर सिंह चौहान, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, परियोजना निदेशक जलागम नीना ग्रेवाल, अपर सचिव हिमांशु खुराना एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

यंग उत्तराखंड के सदस्यों ने सीएम से की मुलाकात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में यंग उत्तराखंड के सदस्यों ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने “गुलाबी शरारा” गीत की सफलता पर पूरी टीम को बधाई दी और उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकारों ने प्रतिभा और कड़ी मेहनत से हमारी लोक संस्कृति को बढ़ाने का कार्य किया है। “गुलाबी शरारा” गीत के 300 मिलियन से अधिक व्यूज ने यह सिद्ध कर दिया है कि राज्य के युवा प्रतिभा सम्पन्न है। अपने गीत और संगीत के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर यंग उत्तराखंड से जितेन्द्र सिंह रावत, गिरीश सिंह जीना, वरुण रावत, राकेश जोशी, नीरू बोरा, अंकित कुमार, अशीम मंगोली, रणजीत सिंह भंडारी और सौरभ सेमवाल मौजूद थे।
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Bhanu Bangwal

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