स्मार्ट मीटर के खिलाफ राज्यभर के विद्युत मुख्यालयों पर 11 मार्च को धरना देगी सीपीएम, राजधानी में ऊर्जा भवन में होगा धरना

उत्तराखंड में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के खिलाफ 11 मार्च को सीपीआई (एम) प्रदेश भर में विद्युत मुख्यालयों पर धरना देगी। राजधानी देहरादून में ऊर्जा भवन के समक्ष धरना दिया जाएगा। देहरादून में सीपीएम के राज्य कार्यालय में आयोजित बैठक में ये निर्णय किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश का राग अलापने वाली उत्तराखंड में बीजेपी की डबल इंजन की सरकार अब राज्य के बिजली विभाग को सम्पूर्ण रूप से अडानी और अंबानी के हाथों बेचने का फैसला कर चुकी है। इस सरकार ने चोर दरबाजे पहले ऊर्जा विभाग को क्षत विक्षत कर निजी कम्पनियों को विभाग में बिठा चुकी है। सरकार विद्युत का निजीकरण कर स्थाई रोजगार में लगे राज्यवासियों का रोजगार छीन रही है। साथ ही संविदा के माध्यम से नौकरियां देकर कर्मियों से कम मानदेय में ज्यादा से ज्यादा काम ले रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा है कि बिजली के निजीकरण से बिजली पहले से ज्यादा मंहगी होगी। बिजली की अनियमितता के बारे में आमजन की शिकायतों को अनसुना किया जायेगा। स्मार्ट मीटर से बिलों के मूल्यों में भारी बढ़ोतरी होगी। इसका सर्वाधिक नुकसान गरीबों एवं मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा। करोड़ों करोड़ के बकायेदारों को इस व्यवस्था से भागने का मौका मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि यह स्थिति ठीक वैसे ही है, जैसे ढांचा तो सरकार का रहेगा और फायदा अडानी, अंबानी व निजी कम्पनियां उठाएंगी। बीएसएनएल ढांचे का लाभ जिओ, एयरटेल, टाटा आदि कम्पनियों की ओर से उठाया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा है कि ऊर्जा प्रदेश के निर्माण में हजारों हजार परिवारों ने विस्थापन का दंस झेला है। आगे भी कई हजार परिवार विस्थापन के कगार पर हैं। सरकार अपने कारपोरेट आकाओं की सेवा के लिए राज्य का सबकुछ लुटाने में लगी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं नै कहा है कि उनकी पार्टी स्मार्ट मीटर एवं बिजली कै नीजिकरण कै खिलाफ जमकर विरोधी करैगि तथा सरकार कै इस फैसले कै खिलाफ वामपंथी दलों सहित तमाम राजनैतिक तथा सामाजिक संगठनों को एकजुट कर आन्दोलन को व्यापक बनाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार की ओर से परियोजनाओं के नाम जंगलों को काटने का पुरजोर विरोध करती है। सड़क परियोजनाओं सहित एलिवेटेड रोड, साईबर सिटी, ऐरो सिटी आदि के नाम से जमीनों एव चाय बगानों का अधिग्रहण का घोर विरोध करती है। सभी योजनाऐं कारपोरेट हितों के लिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने जनपद चमोली के दैवाल क्षेत्र में बसे ग्रामीणों के बेदखली के खिलाफ चलाये जा रहेआन्दोलन का समर्थन करते हुए बेदखली पर रोक लगाने की मांग की। वक्ताओं ने कैबिनेट मन्त्री एवं विधानसभा अध्यक्ष की विधानसभा सत्र के दौरान कथित भूमिका तथा प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की चुप्पी की निन्दा की। साथ ही पहाड़ के लोगों के लिए अपशब्द का प्रयोग करने पर कैबिनेट मन्त्री प्रेमंचद अग्रवाल की कड़ी निंदा की। साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के व्यक्तव्य गैर जिम्मेदाराना बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में देहरादून में दो मार्च की प्रस्तावित पर्यावरण बचाओ रैली का समर्थन किया है। इस अवसर पर सीपीएम की केन्द्रीय कमेटी सदस्य राजेन्द्र नेगी, राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, शिवप्रसाद देवली, लेखराज, नितिन मलैठा, अनन्त आकाश, मनमोहन रौतेला आदि ने विचार व्यक्त किए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।