कैबिनेट से पारित किए गए भू कानून के मसौदा को सार्वजनिक करे सरकार, हरिद्वार और उधमसिंह नगर को क्यों छोड़ाः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि आज धामी सरकार की कैबिनेट की ओर से पास किए गए नए भू कानून के मसौदे को सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। साथ ही जनता को यह बताना चाहिए कि वास्तव में प्रस्तावित नए कानून के प्रावधन क्या हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में धस्माना ने कहा कि धामी सरकार यह भी स्पष्ट करे कि इस कानून में आखिर एनडी तिवारी की सरकार के बनाए भू कानून से अलग क्या है। कैबिनेट ने भू कानून के नाम पर जो कुछ भी पारित किया, उसे ऐसा प्रचारित किया जा रहा है, जैसे धामी सरकार ने राज्य के हित में कोई क्रांतिकारी काम कर दिया हो। वास्तविकता यह है कि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए भू कानून को पूरी तरह से नष्ट भ्रष्ट करने वाली भाजपा की त्रिवेंद्र व धामी सरकारें हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में त्रिवेंद्र सरकार ने बाहरी व्यक्तियों के लिए साढ़े बारह एकड़ भूमि से ज्यादा की सीलिंग समाप्त कर दी थी। साथ ही भू उपयोग की बाध्यता भी समाप्त कर दी। बाद में धामी सरकार ने बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई भूमि के उपयोग के प्रयोजन की शर्त भी समाप्त कर उत्तराखंड के भू कानून को पूर्ण रूप से नष्ट भ्रष्ट कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रस्तावित भू कानून में हरिद्वार और उधम सिंह नगर को उससे मुक्त रखना भी समझ से परे है। क्योंकि इन दोनों जनपदों में उद्योग लगाने के नाम पर जमीनों की खरीद फरोख्त होती है। साथ ही नियमों का उल्लंघन भी होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अगर धामी सरकार वास्तव में उत्तराखंड की संस्कृति यहां के लोगों के भू अधिकारों को संरक्षित करने की मंशा रखती है तो वे सबसे पहले भाजपा की त्रिवेंद्र और तीरथ की सरकार के कार्यकाल में तिवारी सरकार के बनाए भू कानून को निष्प्रभावी करने के पाप के लिए राज्य की जनता से माफी मांगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही जो भू कानून वो प्रस्तावित कर रहे हैं, उसमें यह प्रावधन करें कि 2017 से 2025 तक जितनी भी भूमि पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बनाए भू कानून का उल्लंघन कर खरीदी गई है, वो सब राज्य सरकार में निहित होगी। तभी उनकी बात पर जनता विश्वाश करेगी। अन्यथा यूसीसी की तरह नया भू कानून भी केवल जनता को गुमराह करने वाला शिगूफा साबित होगा।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।