सीएम को वायदे की याद दिलाने 20 फरवरी को विधानसभा कूच करेंगी आशाएं और आंगनवाड़ी, ये हैं मांगें

सम्मानजनक मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहीं सीटू से संबद्ध आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्री यूनियन अब विधानसभा कूच करेंगी। इन दिनों उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। ऐसे में इन यूनियन ने तय किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पिछले वायदे की याद दिलाने के लिए रैली निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा। ये रैली 20 फरवरी को देहरादून के धर्मपुर क्षेत्र में एलआईसी बिल्डिंग से शुरू होगी और विधानसभा तक जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आशा यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे व आंगनवाड़ी यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कहा कि पिछले वर्ष तीन मार्च 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनियनों से वायदा किया कि वे उनके मानदेय में वृद्धि करेंगे। साथ ही उन्होंने अन्य मांगों पर सहमति जताई थी। सीएम ने वायदा किया था कि वे उनकी मांगों पर विचार कर पूरा करेंगे। आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सीटू के जिला सचिव लेखराज के मुताबिक, इस रैली का नाम मुख्यमंत्री वायदा निभाओ, दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मुख्य मांगे
1- आंगनवाड़ी /हेल्पर को कर्मचारी घोषित करने तथा कार्यकत्री को ग्रेड 3 तथा हेल्पर को ग्रेड 4 का दर्जा दिया जाए।
2- आंगनवाड़ी कार्यकत्री को 21000 रूपये, हैल्पर को 18000 रूपये दिया जाए।
3-मिनी आंगनवाड़ी को समान कार्य का समान वेतन दिया जाए।
4-आंगनवाड़ी कार्यकत्री/सेविकाओं को 100 प्रतिशत पदोन्नति मिले तथा आयु सीमा हटायी जाए।
5- महाराष्ट्र की तरह ईएसआई /ग्रेज्युटी दी जाए।
6-आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राईमरी घोषित किया जाए।
7-सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
8-आंगनवाडियों की बेटियों को नन्दादेवी /गौरादेवी योजनाओं का लाभ दिया जाए।
9-कटा हुआ अशंदान का भुगतान दिया जाए।
10-पोषण ट्रेकर ऐप से सूचनाएं एवम डेटा लीकेज हो रहा है। इसलिए इस ऐप को बन्द किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आशा वर्कर्स की मुख्य मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, कोविड कार्य में लगी आशाओं 50 लाख का बीमा, 19 लाख स्वास्थ्य बीमा का लाभ, कोरनाकाल में मृतक आशाओं के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा, चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। ओड़ीसा की तरह ऐसी श्रेणी के मृतकों के परिवारों विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए, कोरना ड्यूटी के लिये विशेष मासिक भत्ते का प्रावधान हो।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।