वाह रे उत्तराखंड कांग्रेस, पहले दिया पदाधिकारी ने इस्तीफा, तीन घंटे बाद किया निष्कासित
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उत्तराखंड में इन दिनों स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में जोर आजमाइश चल रही है। इसी बीच आज शनिवार चार जनवरी की दोपहर खबर आती है कि उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी ने अपने सभी पदों के साथ कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया। खैर किसी भी दल में कोई कभी भी कोई आ सकता है और जा सकता है। वहीं, कांग्रेस में कैसे सलाहकार बैठे हैं, जो पार्टी की फजीहत कराने में पीछे नहीं रहे। जोशी के इस्तीफा देने की खबर जब मीडिया में वायरल होने लगी तो उसके दो से तीन घंटे बाद कांग्रेस हरकत में आई। फिर प्रेस नोट जारी करके बताया गया कि मथुरा दत्त जोशी को पार्टी ने निष्काषित कर दिया है। एक खबर और है कि मथुरा दत्त जोशी, पूर्व दर्जाधारी मंत्री व कांग्रेस नेता बिट्टू कर्नाटक एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेश महामंत्री जगत सिंह खाती ने भाजपा का झंडा थाम लिया। सीएम धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें बीजेपी ज्वाइन कराई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उठता है ये सवाल
सवाल उठता है कि इस्तीफा देने के बाद किसी को पद से हटाने और पार्टी से निष्कासित करने का औचित्य क्या रह गया है। जोशी पर आरोप लगाया गया कि वह पार्टी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे थे। यदि अनर्गल बयानबाजी कर रहे थे तो उन्हें पहले ही निष्कासित किया जाता। उनके इस्तीफे के बाद क्यों निष्कासित करने का ड्रामा रचा जा रहा है। आसान शब्दों में समझाता हूं। एक किराएदार अपनी मर्जी से मकान छोड़ता है। फिर मकान मालिक कहता है कि उसने किराएदार को निकाल दिया। यही हाल उत्तराखंड कांग्रेस का है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कौन हैं सलाहकार
एक सवाल ये भी उठ रहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस में ऐसे कौन सलाहकार हैं, जो उटपटांग सलाह देते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के प्रत्याशियों के समर्थन में या कहें उन्हें जिताने के लिए राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों के लोगों को मीडिया की जिम्मेदारी दी गई थी। नतीजा सबके सामने है। इसी तरह इस बार भी बाहर से लोगों को हायर किया गया। ऐसे में स्थानीय कार्यकर्ता आलू तो नहीं छिलेंगे। वे या तो चुप बैठेंगे या फिर अपनी ही पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कमजोर साबित हुई कांग्रेस
मथुरा दत्त जोशी के मामले में कांग्रेस कमजोर साबित हुई। कयदा तो यही कहता है कि जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो कांग्रेस को निष्कासित करने का प्रेस नोट जारी करने की बजाय ये कहना था कि जोशी वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे हैं। उनकी जैसी इच्छा है, उसमें हम क्या कर सकते हैं। इसके उलट उनके इस्तीफा देने के बाद पार्टी से निष्कासित करने का प्रेस नोट जारी करने के बाद कांग्रेस ने अपनी खिल्ली खुद ही उड़ा दी। जोशी के इस्तीफे में तीन नवंबर की तारीख है। कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने इस्तीफा आज जारी किया। अभी कांग्रेस मुख्यालय में नहीं मिला। ऐसे में हमने पहले निष्कासित कर दिया। इस तर्क पर भी कांग्रेस कमजोर है। क्योंकि जोशी ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के मीडिया ग्रुप में आज ही शेयर किया। इसके तीन घंटे बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकालने की घोषणा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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मान मनोवल से नहीं बनी बात
सूत्रों के मुताबिक मथुरा दत्त जोशी को मनाने की आज भी कोशिश होती रही। जब कांग्रेस के नेता कामयाब नहीं हुए तो उन्हें पार्टी से निकालने की घोषणा कर दी गई। ये घोषणा भी प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति के सदस्य सचिव धनीलाल शाह की ओर से कराई गई। इसमें मथुरा दत्त जोशी पर पार्टी के विरुद्ध दुष्प्रचार और अनर्गल बयानबाजी के आरोप लगाए गए। पिछले कुछ दिनों से जोशी ऐसे बयान दे रहे थे। फिर उन्हें पहले निष्कासित करने का दम कांग्रेस के पास क्यों नहीं रहा। ये सवाल भी लाजमी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।