ग्राफिक एरा अस्पताल में छोटा चीरा लगाकर किया कैंसर का ईलाज

देहरादून स्थित ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने छोटा सा चीरा लगाकर भोजन नली के कैंसर का ईलाज करने में सफलता प्राप्त की है। इसे चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। कारण ये है कि ओपन हार्ट सर्जरी के मुकाबले मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी में मरीज को कम तकलीफ होती है। इसमें छोटा चीरा लगता है। सर्जरी के दौरान रक्तस्राव कम होता है व संक्रमण का जोखिम कम रहता है। इस उपचार के बाद मरीज के फेफड़ों की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा अस्पताल में आये एक मामले में 50 वर्षीय मरीज थोरासिक इसोफेगस के एडवांस्ड कैंसर से जूझ रहा था। ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम ने मिनिमली इन्वेसिव थोराकोस्कोपिक इसोफेजेक्टमी की मदद से मरीज का ईलाज सफलतापूर्वक कर दिया। ईलाज करने वाले विशेषज्ञों की इस टीम में गैस्ट्रोइनटैसटाइनल ऑन्कोलॉस्टी डा. सचिन अरोड़ा, बेरियाट्रिक सर्जन डा. दयाशंकर राजगोपालन, डा. नरेन्द्र नागरा, डा. इमलिवाती अय्यर व कई अन्य चिकित्सक शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विशेषज्ञों ने बताया कि पांच महीने पूर्व मरीज ने ठोस भोजन निगलने में कठिनाई की शिकायत की थी। किमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी के बाद भी सुधार न होने पर मरीज को ग्राफिक एरा अस्पताल लाया गया। धूम्रपान के कारण मरीज के फेफड़ों की क्षमता कम होना, ईसोफेगस, इनफीरियर पल्मोनरी वेन व आर्टो की बीच घनी चिपकनों जैसी चुनौतियों के बावजूद विशेषज्ञों की टीम ने पूर्ण रूप से टिश्यू निकालने में सफलता प्राप्त की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।