सांसद महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा में उठाए प्रदेश के कई महत्वपूर्ण मुद्दे
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राज्य में बीएसएनल नेटवर्क, केंदीय विद्यालयों और युवाओं से संबंधित महत्वपूर्ण सवालों को राज्यसभा के सदन में उठाया। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने 644 मोबाइल टावर स्थापित करने और चार नए केंदीय विद्यालयों के प्रस्तावों की जानकारी दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा पटल पर आतरंकित प्रश्न 332 के तहत उत्तराखंड में बीएसएनएल की दूरसंचार सेवाओं को लेकर केंद्रीय संचार मंत्री से सवाल किया कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि बीएसएनएल द्वारा पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में प्रदान की जा रही संचार सुविधाएं खराब स्थिति में हैं। साथ ही राज्य में संस्थापित बीएसएनएल के 4जी टावरों की संख्या, वर्तमान में सुचारु रूप टावरों की संख्या और राज्य के लिए प्रस्तावित नए टावरों को लेकर जानकारी मांगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके जवाब में संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर की तरफ से बताया गया कि बीएसएनएल द्वारा उत्तराखंड में प्रदान की जा रही दूरसंचार सेवाएं भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित गुणवत्ता सेवा के मानकों को पूरा करती हैं। वहीं उत्तराखंड में अक्टूबर तक 1183 4जी साईटों को संस्थापित किया गया है और वे कार्यशील हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में विभिन्न स्कीमों के तहत 644 टावरों (अपग्रेडेड साइटों सहित) की योजना बनाई गई है जिसमें से 218 टावर (अपग्रेडेड साइटों सहित) चालू हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह दूरस्थ विकासखंडों में केन्द्रीय विद्यालय खोलने के संबंध में भट्ट द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न संख्या 19 का ज़बाब देते हुए बताया गया कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में 45 केवि कार्य कर रहे हैं। राज्य में नए केन्द्रीय विद्यालय खोलने के लिए 04 प्रस्ताव केविसं को प्राप्त हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं प्रश्न संख्या 470 के तहत उन्होंने युवा छात्रावास योजना के तहत देश भर में राज्य-वार कितने छात्रावास स्थापित करने की जानकारी मांगी। इसका ज़बाब देते हुए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि युवा छात्रावास नियमावली में निहित प्रावधानों के अनुसार, युवा छात्रावासों की वार्षिक देखरेख, रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन भवनों में परिवर्तन या व्यापक मरम्मत के लिए यदि राज्य सरकार आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने में असमर्थ हो, तो राज्य का युवा सेवा एवं खेल निदेशालय अनुदान प्राप्त करने के लिए इस संबंध में केंद्रीय विभाग से अनुदान के लिए संपर्क कर सकते हैं। कॉर्पोरेट घरानों के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत भी युवा छात्रावासों के रखरखाव की संभावना की तलाश की जा सकती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सांसद महेंद्र भट्ट जी के प्रयासों के लिए साधुवाद।