अपराधिक वारदातों पर कांग्रेस ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से पूछे सवाल
उत्तराखंड में बढ़ती अपराधिक वारदातों को लेकर कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार की पीठ थपथपाते हुए बयान दिया कि राज्य में बिना पक्षपात के अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। साथ ही कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था में कहीं कोई कमी नहीं है। अपराधियों की तत्काल धर पकड़ की जा रही है। गरिमा ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को समझना होगा कि सरकारें अपराध रोकने के लिए होती हैं, ना कि अपराध हो जाने के बाद कार्रवाई करने के लिए। क्योंकि अपराधियों पर अब कानून व्यवस्था का डर नहीं रह गया है। ऐसे में अपराधिक घटनाओं में वृद्धि हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि कार्रवाई कब और किसपर हो रही है। सवाल यह है कि राज्य में कानून व्यवस्था का डर क्यों खत्म होता चला जा रहा है? अपराधों पर लगाम क्यों नही लग पा रही है। अपराधों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की वजह क्या है? सरकार और प्रशासन में आम जनता विश्वास खो चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि आज उत्तराखंड की जनता डर के साए में जीने को मजबूर है। दिनदहाड़े हत्या, डकैती, चोरी तो आम बात हो गई है। जिस तरह से पिछले दिनों महिला अपराधों, हत्याओं और भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है, उससे यह साफ परिलक्षित होता है की प्रदेश में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रदेश की कानून व्यवस्था वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी है और यह सरकार की उदासीनता की वजह से हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि आज प्रदेश में जितने भी अपराध हो रहे हैं, उनमें से अधिकतर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की संलिप्तता मामले को और गंभीर बना देती है। पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता सिर्फ भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाए जाते थे, परंतु अब भर्ती घोटाले, महिला दुष्कर्म और आंतरिक सुरक्षा से भी छेड़छाड़ करते हुए पकड़े जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि महेंद्र भट्ट समेत समूची भाजपा को आत्मावलोकन करना होगा कि आखिर नौबत यहां तक क्यों पहुंची कि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता और नेता व्यापक स्तर पर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। यदि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने समय रहते अपराधों पर काबू पा लिया होता और अपराधियों को बेनकाब किया होता, तो शायद भाजपा के कार्यकर्ताओं में यह गलत संदेश ना जाता कि वह जो चाहे कर लें, उन्हें सरकार बचा लेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट पर कोई कार्रवाई न करना, वीआईपी के नाम को उजागर न करना, ना ही उस वीभत्स हत्याकांड की सीबीआई जांच कराना, ना ही फास्ट ट्रेक कोर्ट की संस्तुति देना, इस बात की बानगी है कि भारतीय जनता पार्टी अपराध पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है। अपराधियों में भी पक्षपात पूर्ण रवैया और दोहरे मापदंड अपना रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा दसौनी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले में जिस तरह के होर्डिंग और पोस्टर पाए जा रहे हैं, वह भी भारतीय जनता पार्टी के कुशासन का ही नमूना है। क्योंकि भाजपा सरकार प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई खतरनाक नजीर नहीं पेश कर पा रही है। इसीलिए अराजक और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों मंसूबे और मजबूत होते जा रहे हैं। अपराध और अपराधी को उसी नजर से देखे जाने की जरूरत है, ना की पूरी की पूरी कौम को ही बदनाम और प्रतिबंधित किए जाने की। गरिमा ने इसे धामी सरकार का फेलियर करार दिया कि आज राज्य में बिना रोक टोक सांप्रदायिक पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।