भारी बारिश के साथ शुरू हुआ सावन का महीना, पहले सोमवार का व्रत आज, जानिए पूजन विधि और महत्व
आज से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सावन माह की शुरूआत भारी बारिश से हुई है। साथ ही राज्यभर में भी तेज बारिश हो रही है। इस बार सावन की शुरूआत सोमवार के साथ भी हो रही है। ऐसे में इसका महत्व और बढ़ जाता हैं। पहले सोमवार को मंदिरों में भी जल चढ़ाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था। इतना ही नहीं इस बार श्रावण मास में पूरे 5 सोमवार पड़ रहे हैं। इस वजह से भी इस साल सावन माह बहुत खास हो जाता है। बाबा के भक्त श्रावण मास में पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्चना करते हैं और सोमवार का उपवास करते हैं। मान्यता है कि श्रावण मास में व्रत करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं। साथ ही अपने भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं। इस व्रत को करने का ज्यादा प्रचलन विवाहित महिलाओं और कुंआरी लड़कियों के बीच है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
72 साल बना दुर्लभ संयोग
वर्ष 2024 में सावन का पहला आज सोमवार 22 जुलाई को है और सावन का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है। ऐसे में सावन महीने में पांच सोमवार व्रत होंगे। यह दुर्लभ संयोग करीब 72 साल बाद बन रहा है। इस बार सावन में 5 सोमवार होंगे। इस साल सावन का महीना 29 दिन का है। इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन के पहले सोमवार को तीन शुभ योग
सावन के पहले सोमवार के दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं। उस दिन प्रीति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र का संयोग बना है। उस दिन प्रीति योग सुबह से लेकर शाम 5 बजकर 58 मिनट तक है। उसके बाद से आयुष्मान योग बन जाएगा। जो श्रवण नक्षत्र सुबह से लेकर रात 10 बजकर 21 मिनट तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 5 बजकर 37 मिनट से रात 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन में पांच सोमवार
22 जुलाई सोमवार- सावन पहला सोमवार
29 जुलाई सोमवार- सावन दूसरा सोमवार
05 अगस्त सोमवार- सावन तीसरा सोमवार
12 अगस्त सोमवार- सावन चौथा सोमवार
19 अगस्त सोमवार – सावन पांचवा सोमवार
नोटः यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन सोमवार पूजा सामग्री
शिव-पार्वती प्रतिमा, फूल, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, पंच रस, इत्र, गंध रोली, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, पंच फल, पंच मेवा, मंदार पुष्प, कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शुद्ध देशी घी, मौली जनेऊ, पंच मिठाई, शहद, गंगाजल, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन सोमवार व्रत करने की विधि
सावन में सोमवार का व्रत रखने के लिए प्रात: जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के पूजा घर या मंदिर की साफ सफाई करें। भगवान की पूजा मंदिर या घर में की जा सकती है। मंदिर या घर में विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा करने के बाद अभिषेक करें। इसके बाद महादेव को सफेद चंदन लगाएं और उन्हें भांग, धतूरा, बिल्वपत्र आदि चीजें चढ़ाएं। फिर भगवान की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें और भगवान शिव की आरती करें। अंत में फिर भोग लगाएं। ध्यान रखें कि व्रत वाले दिन सुबह-शाम दोनों समय शिव जी की पूजा करनी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
– ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ. ओम् नमः शिवाय।
सावन सोमवार व्रत नियम
सावन सोमवार व्रत में शिवलिंग का जल से अभिषेक जरूर करना चाहिए। इस व्रत में एक ही समय भोजन किया जाता है। व्रत रखने वालों को फलहार करना चाहिए. अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत रखने वालों को दिन में सोना नहीं चाहिए।
शिव जी को लगाएं भोग
भोलेनाथ को हलवा, दही, भांग, पंचामृत, शहद, दूध, सफेद बर्फ़ी, मालपुआ, ठंडई, लस्सी, सूखे मेवे आदि का भोग लगा सकते हैं. यह सारी चीजें शिव जी को बहुत पसंद है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन सोमवार महत्व
मान्यता है कि इस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और पूरी दुनिया का कार्यभार भोलेनाथ संभालते हैं। इसलिए सावन में भोलनाथ की पूजा का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व होता है। सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है। इस महीने में भोले शंकर की विशेष अराधना की जाती है। लोग शिवजी का रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन सोमवार व्रत के फायदे
-सावन सोमवार का व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी पाने की मनोकामना पूर्ण होती है।
-दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए भी सावन सोमवार व्रत रखते हैं। भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करते हैं। उनके आशीर्वाद से सुखी दांपत्य जीवन प्राप्त होता है।
-जिन लोगों विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में कोई बाधा आ रही है, उनको लोगों को भी सावन सोमवार व्रत करना चाहिए।
-सावन में सोमवार का व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, धन, संपत्ति आदि की प्राप्ति होती है।
-सावन सोमवार व्रत रखने वालों के दुखों का अंत होता है, पाप से मुक्ति मिलती है। शिव कृपा से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पौराणिक कथा और मान्यता
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है इस दिन जो भी पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप महादेव ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया। मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मां पार्वती को भी सावन अत्यंत प्रिय
भगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रकने से मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।