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November 10, 2024

बदल गए जोशीमठ तहसील और कोश्याकुटोली के नाम, नए नामों को केंद्र से मिली मंजूरी

उत्तराखंड के चमोली जिले की जोशीमठ तहसील को अब उसके प्राचीन नाम ज्योतिर्मठ से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत वर्ष चमोली जिले के घाट में आयोजित कार्यक्रम में जोशीमठ का नाम का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिल गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्थानीय जनता लंबे समय से जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम दिए जाने की मांग कर रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी यह मांग प्रमुखता से उठाई गई। मुख्यमंत्री धामी ने इसे गंभीरता से लेते हए नाम परिवर्तन का फैसला लिया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेज दिया गया। अब केंद्र ने ज्योतिर्मठ तहसील के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले का स्थानीय जनता ने स्वागत किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मान्यता है कि 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य इस क्षेत्र में आए थे। उन्होंने अमर कल्प वृक्ष के नीचे तपस्या की थी। इससे उन्हें दिव्य ज्ञान ज्योति की प्राप्ति हुई थी। दिव्य ज्ञान ज्योति और जयोतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योतिर्मठ का नाम दिया गया, लेकिन यह जोशीमठ के नाम से ही प्रचलित हो गया। इसके बाद नाम बदलने की मांग की बार प्रमुखता से उठी, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। मुख्यमंत्री धामी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जोशीमठ तहसील को ज्योतिर्मठ नाम देने का फैसला किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

परगना श्री कैंची धाम नाम से जानी जाएगी कोश्याकुटोली तहसील
नैनीताल जनपद की कोश्याकुटोली को अब परगना श्री कैंची धाम तहसील के नाम से जाना जाएगा। भारत सरकार ने उत्तराखंड सरकार की ओर से भेजे गए तहसील नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। क्षेत्रीय जनता और बाबा नीब करौरी महाराज के भक्तों ने सरकार के फैसले का जोरदार स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री धामी ने बीते वर्ष कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस (15 जून) समारोह के मौके पर कोश्याकुटोली तहसील को कैंची धाम के नाम पर करने की घोषणा की थी। सीएम को घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से तहसील के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था। मुख्यमंत्री की यह पहल रंग लाई है। भारत सरकार की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम तहसील करने की मंजूरी दे दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्षेत्रीय जनता और बाबा नीब करौरी महाराज के भक्तों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले का जोरदार स्वागत किया है। श्रद्धालुओं का कहना है कि देश दुनिया के लाखों भक्तों की बाबा नीब करौरी महाराज के प्रति भारी आस्था है। यहां रोजाना भारी संख्या में बाबा के भक्त धाम में दर्शन को पहुंचते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार यहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रही है। धाम के चतुर्दिक विकास की खातिर कैंची धाम को मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन में भी शामिल किया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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