चार धाम यात्रा व्यवस्थाएं एक सप्ताह में धड़ाम, जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं, डरा रहे पत्रकारों कोः सूर्यकांत धस्माना
1 min readउत्तराखंड की चार धाम यात्रा को शुरू हुए अभी एक सप्ताह हुआ है और एक दर्जन तीर्थ यात्री अपनी जान गवां चुके हैं। यमुनोत्री हो या गंगोत्री, केदारनाथ हो या बद्रीनाथ के यात्रा रूट पर सभी तरफ लंबे लंबे जाम लगे हैं। यात्री हल्कान हैं और सरकार बजाय अव्यवस्था को दुरुस्त करने के पत्रकारों पर रिपोर्टिंग करने के जुर्म में मुकदमे कायम कर रही है। जो कि लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश है। इसकी कांग्रेस कड़े शब्दों में निंदा करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह बात आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने से ही राज्य सरकार से कांग्रेस चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने की मांग कर रही थी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सुझाव पत्र सौंप कर आए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि अभी यात्रा शुरू हुए एक सप्ताह हुआ है और एक दर्जन यात्रियों की मौत चिंता पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि यात्रा रूटों पर लंबे लंबे जाम लग रहे हैं और अनेक जगहों पर यात्रियों को भोजन पीने के पानी व ठहरने की मुश्किल पेश आ रही हैं। धस्माना ने कहा कि अभी यात्रा का पीक जून तक आएगा जिसमें यात्रियों की संख्या में कई गुणा इजाफा हो सकता है। ऐसे में अगर व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हुईं तो कोई अनहोनी हो सकती है। इसलिए सरकार को युद्ध स्तर पर यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस यात्रा के बारे में किसी प्रकार की नकारात्मक बात नहीं करना चाहती। क्योंकि यात्रा हमारे राज्य की आर्थिकी का बड़ा स्रोत है और इससे देश और दुनिया के करोड़ों करोड़ों सनातनियों की आस्था और विश्वास जुड़ा है। यात्रा में अव्यवस्थाओं से भी उन लोगों की भावना को ठेस पहुंचती है जो यहां अध्यात्म और भक्ति भाव से श्रद्धापूर्वक यात्रा के लिए आते हैं। फिर वे अव्यवस्थाओं का शिकार हो दुखी होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार को बजाय पत्रकारों को धमकाने और उनके विरुद्ध झूठे मामले दर्ज कराने के यात्रियों के पंजीकरण, स्वास्थ्य परीक्षण व भोजन पानी और ठहरने की व्यवस्था तथा यातायात को सुचारू रखने के लिए फौरी कदम उठाने चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य में वनाग्नि के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार को फटकार लगाए जाने व राज्य की मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट में तलब किए जाने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोंग्रेस ने वनाग्नि के बारे में जो बातें कहीं थीं, सुप्रीम कोर्ट ने उन पर मोहर लगा दी। साथ ही हमारे आरोपों की पुष्टि की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि वनाग्नि के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की लापरवाही पर फटकार लगाई और समय पर आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम न करने पर भी नाराजगी व्यक्त की। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अग्नि बुझाने के उकरणों की खरीद न करने व वन कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगाने पर भी कोर्ट का रुख सख्त था। इस बात को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि इस सब के बावजूद आज तक राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव से सरकार ने कोई जवाब तलब नहीं किया, जो यह दर्शाता है कि राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव, मुख्य सचिव, मंत्री व मुख्यमंत्री सबसे बड़े हैं। आज तक आपदा के इतने ज्वलंत विषय पर उनसे किसी ने कोई सवाल नहीं किया। कार्रवाई तो दूर बात रही। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शीश पाल सिंह भी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।