बर्ड फ्लूः कव्वे ने बजाया खतरे का अलार्म, डीजी हैल्थ के घर पहुंचकर तोड़ा दम

बर्ड फ्लू उत्तराखंड में आया या नहीं आया, ये जांच में पता चलेगा। फिलहाल देहरादून में पिछले दो तीन दिन के भीतर छह कव्वे मर चुके हैं। एक कव्वे ने तो आज बुधवार की सुबह उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती के आवास परिसर में दम तोड़ दिया। इस कव्वे ने अलार्म बजा दिया कि बर्ड फ्लू की दृष्टि से सचेत हो जाओ। अन्यथा आने वाले दिनों में उत्तराखंड की स्थिति खतरनाक हो सकती है।
पिछले दो तीन दिन से दून में करीब छह कव्वों की मौत हो चुकी है। जो बर्ड फ्लू को लेकर डराने वाली स्थिति है। गत दिवस एसएसपी दफ्तर परिसर में दो कौओं के मृत मिलने से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इन कव्वों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।
वहीं, बुधवार की सुबह स्वास्थ्य महानिदेशक के आवास परिसर में भी एक कव्वे की मौत हो गई। बताया गया कि मंगलवार की रात ये कव्वा वहां पहुंचा था। जिसने सुबह तक दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि सुबह कव्वा काफी फूला हुआ भी था। इस संबंध में वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग को सूचना देने के बावजूद किसी भी विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची। वहीं, बताया जा रहा है कि अब तक देहरादून में करीब छह कव्वों की मौत हो चुकी है। ये संख्या उन कव्वों की है, जो लोगों ने मरे देखे। जंगलों में इनकी संख्या अधिक भी हो सकती है।
पथरीबाग क्षेत्र में हर दिन मर रहे कव्वे
देहरादून के पथरीबाग क्षेत्र में हर दिन कव्वे मर रहे हैं। यहां स्थित एसजीआरआर पीजी कॉलेज के शिक्षक डॉ. एचवी पंत ने बताया कि पथरीबाग क्षेत्र एक तरह से कव्वों की सेंचुरी है। हर शाम यहां कव्वे एकत्र हो जाते हैं। पिछले कुछ दिन से कॉलेज परिसर में हर दिन एक कव्वा मरा मिल रहा है।
डेंगू तो रहा नियंत्रित, लेकिन बर्ड फ्लू का खतरा
कोरोनाकाल में जिस तरह से गली मौहल्लों में सैनिटाइजेशन किया गया, उससे इस बार गर्मियों के बाद बरसातों में डेंगू के मामले सामने नहीं आए। इससे पहले के सालों में डेंगू की समस्या से जिला प्रशासन जूझता रहता था। वहीं, बार बार हाथ साफ रखने, मुंह व नाक को मास्क से ढकने के कारण मौसमी बीमारियां बुखार, वायरल आदि की शिकायतें भी कम रही। अब बर्ड फ्लू ने लोगों को डराना शुरू कर दिया है।
पड़ोसी राज्य में मचा है हड़कंप
बीच बर्ड फ्लू की दस्तक से पड़ोसी राज्य में हड़कंप मचा है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पोंग डैम जलाशय क्षेत्र में 2300 प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनकी मौत की वजह एवियन इंफ्लूएंजा बताया जा रहा है। एहतियात के तौर पर हिमाचल प्रदेश में मुर्गों के मीट की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी गई है। पड़ोसी राज्य में बर्ड फ्लू के केस रिपोर्ट होने के बाद उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के अलावा राजस्थान और केरल में भी बर्ड फ्लू के मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसे देखते हुए उत्तराखंड में भी वन विभाग ने अलर्ट घोषित कर दिया है। जलाशयों पर निगरानी रखी जा रही है। बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए तमाम एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।