एलबीएस मसूरी में 84 प्रशिक्षु अधिकारी कोरोना संक्रमित, पुलिस मुख्यालय में मिले 18, केंद्र ने टेस्टिंग बढ़ाने पर दिया जोर
उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना का हमला तेज हुआ है। मंगलवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 4482 नए संक्रमित मिले। इस अवधि में छह लोगों की कोरोना की वजह से जान चली गई।
एलबीएस अकादमी के अधिकारियों के मुताबिक 489 प्रशिक्षु अधिकारियों का दल प्रशिक्षण के तहत गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण पर गया था। कई दिन उन्होंने भ्रमण में बिताए। बीते रविवार को अधिकारियों के अकादमी में लौटने पर कोरोना की जांच की गई। जिला सर्विलांस अधिकारी के मुताबिक रिपोर्ट में 84 अधिकारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सभी अधिकारियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही हैं। साथ ही अकादमी परिसर स्थित अस्पताल के चिकित्सक भी निरंतर अधिकारियों की सेहत पर नजर बनाए हुए हैं।
क्राइम ब्रांच पर कोरोना की सेंध
उधर, बताया जा रहा है कि पुलिस मुख्यालय में 18 से अधिक अधिकारियों कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सबसे अधिक क्राइम ब्रांच में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। चुनाव के चलते ब्रांचों को बंद भी नहीं किया जा रहा है, जो अधिकारी या कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जा रहा है।
केंद्र ने टेस्टिंग की कमी को लेकर जताई चिंता
केंद्र सरकार ने कोरोना की टेस्टिंग में कमी को लेकर राज्य सरकारों से चिंता जाहिर की है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को रणनीतिक तरीके से कोविड-19 टेस्टिंग को बढ़ाने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि विशिष्ट इलाकों में कोरोना के बढ़ते पॉजिटिविटी रेट को देखतेहुए वहां कोरोना जांच को रणनीतिक और चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाना चाहिए।
अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) आरती आहूजा ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का डेटा बताया है कि कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड टेस्टिंग में कमी आई है, जबकि इस दौरान कोरोना और ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस बढ़े हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को चिंता पैदा करने वाला वैरिएंट घोषित किया है।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन मौजूदा समय में पूरे देश में फैल रहा है। मंत्रालय के पहले के दिशानिर्देशों और 27 दिसंबर 2021 को ओमिक्रोन के संदर्भ में महामारी प्रबंधन की योजना तैयार करने की गृह मंत्रालय की सलाह का हवाला देते हुए आहूजा ने कहा कि जांच कराना एक महत्वपूर्ण घटक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कोरोना के संदिग्ध मामलों का जल्द से जल्द पता लगाने के साथ उन्हें आइसोलेशन में रखने की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को उन लोगों में गंभीर स्तर पर पहुंचने से रोका जा सकता है, जिनमें ज्यादा जोखिम हैं और जो संवेदनशील हैं। साथ ही उन इलाकों में जहां कोरोना संक्रमण का फैलाव अधिक होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों को गहनता से और सलाह के साथ पढ़ने की जरूरत है, जिसमें यह सिफारिश की गई है कि उन लोगों की रणनीतिक और केंद्रित जांच की जानी चाहिए, जो कमजोर हैं और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई बड़े शहरों में कोरोना के मामलों में तेज गिरावट आई है। यह भी कहा जा रहा है कि कई जगहों पर कोरोना की कम टेस्टिंग के कारण भी केस कम आ रहे हैं। हाल ही में सरकार की ओर से यह परामर्श भी आया था, कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए उन सभी लोगों को टेस्टिंग की जरूरत नहीं है, अगर उन्हें ज्यादा जोखिम न हो। यानी अगर उन्हें गंभीर बीमारी नहीं है या फिर उनकी उम्र बहुत ज्यादा नहीं है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।