Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 26, 2025

आपदा में राजनीतिः 72 लोगों की चली गई जान, भाजपा थपथपा रही पीठ, बता रही कम हुई जनहानि, वीडियो में देखें दावों की हकीकत

उत्तराखंड में 48 घंटे की बारिश के दौरान आई आपदा में 72 लोगों की जान चली गई, लेकिन इस पर भी भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है। इस जनहानि को भाजपा की तरफ से कम बताया जा रहा है।

उत्तराखंड में 48 घंटे की बारिश के दौरान आई आपदा में 72 लोगों की जान चली गई, लेकिन इस पर भी भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है। इस जनहानि को भाजपा की तरफ से कम बताया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बाकायदा इसे लेकर बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि सरकार के कुशल प्रबंधन के चलते हम जनहानि हुई। अब ज्यादा जनहानि किसे कहेंगे, ये शायद बयान जारी करने वाले मीडिया प्रभारी ही बता सकते हैं। जनहानि तो जनहानि है, चाहे एक की हो या ज्यादा की। वहीं, वह कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि वह आपदा के नाम पर सिर्फ बयानबाजी कर रही है। वहीं, हकीकत ये है कि राजनीतिक दलों से लेकर सामाजिक संगठनों के लोग आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।
ऐसा अमूमन हमेशा से होता आया है कि जब भी मौसम विभाग बहुत भारी बारिश की चेतावनी देता है, तब सरकार स्कूलों में छुट्टी का निर्णय जिलाधिकारी पर छोड़ देती है। चारधाम यात्रा को बारिश के दौरान रोक दिया जाता है। प्रदेश भर में अलर्ट जारी कर दिया जाता है। ताकी कोई बड़ी घटना न घटे। इस बार भी मौसम विभाग की चेतावनी के अनुरूप सरकार और स्थानीय प्रशासन ने ऐसा ही किया। चारधाम यात्रा में जाने वाले यात्रियों को पड़ावों पर ही रोक दिया। स्कूलों में दो दिन की छुट्टी कर दी गई। हर बार तेज बारिश की चेतावनी के बाद नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया जाता है। ऐसा सरकार के हाथ में है तो कर दिया गया।
अब सवाल ये उठता है कि आपदा कहां आएगी। ये कोई नहीं बता सकता है। कौन का घर टूटेगा या कौन सा इलाका प्रभावित नहीं होगा। ज्यादा बारिश होने के इलाकों की संभावना मौसम विभाग तो जता सकता है, लेकिन ये नहीं बताया जा सकता है कि कौन की पहाड़ी दरकेगी और कहां नुकसान कम होगा। जब फिलहाल मानव की पहुंच इसे जानने की नहीं है, तभी इसे दैवीय आपदा का नाम दिया गया है। इसके बावजूद भाजपा नेता अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हैं। हां, आपदा के बाद प्रबंधन को लेकर पीठ जरूर थपथपाई जा सकती है, लेकिन आपदा के नुकसान को कम करने की बात करना बचकानी ही है।
आपदा से हुआ नुकसान
उत्तराखंड में बीती 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक करीब 48 घंटे की बारिश से प्रदेश में भारी तबाही मची। आपदा में मारे गए लोगों की संख्या 72 हो चुकी है। चार लोग लापता हैं। 26 लोग घायल हैं। आपदा में अब तक 224 मकान ध्वस्त हुए। साथ ही प्रदेश भर में सड़कें अवरुद्ध हो गई। अब आपदा का रौद्र रूप यहीं देखा जा सकता है कि हल्द्वानी में रेल की पटरी तक उखड़ गई। नैनीताल व अन्य जिलों में काफी संख्या में वाहन जल प्रलय की भेंट चढ़ गए। नैनीताल झील का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बहने लगा। लापता लोगों के शव मिलने का सिलसिला आपदा के बाद भी जारी है। क्या इस नुकसान का कम आंका जा सकता है।
भाजपा मीडिया प्रभारी का बयान-आपदा से पूर्व कुशल प्रबंधन से कम हुई जन हानि
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने एक बयान में कहा कि प्रदेश में आपदा से पूर्व सही समय पर प्रवन्धन से जन हानि कम हुई और सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह से सफल रहा। उन्होंने कहा कि विपक्ष नौटंकी और राजनीति ऐसे समय पर कर रहा है, जब पीड़ितों के बीच पहुँचकर उनके जख्मो पर मरहम लगाने की जरूरत है। विपक्ष का यही रवैया कोरोना काल में भी दिखा।
चौहान ने कहा कि केंद्र से अलर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों के साथ लगातार संवाद और राहत के उपायो पर चर्चा शुरू कर दी थी। यहाँ तक की स्कूल बंद कर दिए और यात्रा भी रोक दी गई। अनहोनी की आशंका में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और राज्य पुलिस के जवान पहले से ही सतर्क थे। इसी कारण हजारों जाने बचायी गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र का भी पूरा सहयोग राज्य को मिल रहा है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं। भाजपा संगठन भी पीड़ितों के बीच राहत कार्यों में जुटा है और कार्यकर्ताओ ने प्रशासन व बचाव एजेन्सियो के साथ हजारों लोगों की जान बचाई। कांग्रेस इस दौरान महज सोचती रही और जब भाजपा कार्यकर्ताओं को पीड़ितों के बीच देखा तो उसे अब राहत और लोगो के दुख दिखने लगा जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस में तो इस दौरान पार्टी के भीतर राजनैतिक ट्वेंटी ट्वेंटी का मैच चल रहा था।
देखें वीडियोः आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते पूर्व सीएम हरीश रावत।

दूसरे दल के लोग भी कर रहे हैं मदद
ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपाई की आपदा प्रभावितों की मदद कर रहे हैं। सोशल मीडिया में ऐसी तस्वीरों और वीडियो का अंबार दिख जाएगा, जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दल, समाजसेवी संगठन के लोग आपदा प्रभावितों की मदद करते दिख जाएंगे। कहीं भोजन बांटा जा रहा है, तो कहीं यूथ फाउंडेशन के युवा पत्थर ढो कर मलबा उठाकर रास्तों को ठीक कर रहे हैं। इसलिए ऐसा कहना गलत है कि सिर्फ भाजपाई ही लोगों की मदद कर रहे हैं। यहां उदाहरण के लिए एक वीडियो और एक खबर का लिंक दिया जा रहा है, ताकि ऐसी गलत बयानबाजी करने वालों के साथ पाठक भी देख लें कि हकीकत कुछ अलग है।
पढ़ें: वीडियोः यूथ फाउंडेशन की टीम पहुंची गर्जिया मंदिर, सीढ़ियों से हटाया मलबा और बोल्डर

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page