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June 19, 2025

उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से 47 मौत, सीएम ने किया हवाई दौरा, मृतकों के परिजनों को चार लाख, चारधाम यात्रा बहाल

उत्तराखंड में रविवार से हुई भारी बारिश के कारण 48 घंटों के भीतर भूस्खलन की घटनाओं ने कहर बरपाया है। इस प्राकृतिक आपदा में 47 लोगों की मौत हुई है।

उत्तराखंड में रविवार से हुई भारी बारिश के कारण 48 घंटों के भीतर भूस्खलन की घटनाओं ने कहर बरपाया है। इस प्राकृतिक आपदा में 47 लोगों की मौत हुई है। इस आपदा का असर कुमाऊं क्षेत्र पर पड़ा है। उत्तराखंड के नैनीताल, हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर और चंपावत जिले में बारिश और भूस्खलन तबाही लेकर आया है। इनमें रविवार से लेकर मंगलवार 19 अक्टूबर तक बारिश का कहर बरपा। 17 अक्टूबर को चंपावत जिले में एक मौत, 18 अक्टूबर को पौड़ी में तीन, चंपावत में दो, पिथौरागढ़ में एक मौत, 19 अक्टूबर को नैनीताल में 28, अल्मोड़ा में छह, चंपावत में दो, उधमसिंह नगर में दो, बागेश्वर में एक की मौत हुई। इसके अलावा एक साधु की केदारनाथ में सर्दी लगने से मौत हुई। इसके अलावा 12 लोग घायल हैं। नौ लोग लापता हैं और नौ घर पूरी तरह से ध्वस्त हुए हैं। वहीं, बारिश थमने से चारधाम यात्रा बहाल कर दी गई है। आज से यात्रा फिर शुरू की जा रही है। उत्तराखंड में आई आपदा के बाद बचाव एवं राहत कार्यों में सेना और वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। केंद्र सरकार के निर्देश पर वायुसेना के तीन हेलीकाप्टर यहां तैनात किए गए हैं। इसके अलावा लखनऊ से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन और टीमें उत्तराखंड भेजी जा रही हैं, जबकि उसकी दो टीमें पहले ही मोर्चे पर डटी हैं। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) व जल पुलिस की पांच-पांच अतिरिक्त टीमें भी कुमाऊं भेजी गई हैं।
बारिश बारिश के चलते नैनीताल झील का पानी भी ओवरफ्लो हो गया और सड़कों तक आ गया। मंगलवार को नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्‍लॉक के एक गांव में मकान जमींदोज होने से नौ लोगों के मौत की खबर है। ग्राम प्रधान ने इसकी पुष्टि की है। वहीं रामनगर के एक रिसॉर्ट में पानी घुस गया है। बताया जा रहा है रिसॉर्ट के अंदर करीब सौ लोग फंसे हैं। भीमताल में मकान ढहने से एक बच्‍चा मलबे में दब गया है। अल्‍मोड़ा जिले में एक मकान पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण तीन लोगों की दबकर मौत हो गई है। अल्‍मोड़ा नगर में भी एक मकान की दीवार गिरने से किशोरी की दबकर मौत हो गई। बागेश्‍वर जिले में पहाड़ी से गिरे पत्‍थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। वहीं नैनीताल का संपर्क देश-दुनिया से कट गया है। काठगोदाम रेलवे स्‍टेशन की पटरियां गौला नदी में बह गई हैं। जिस कारण ट्रेनों का संचालन निरस्‍त कर दिया गया है। पहाड़ के कई मार्ग मलबा आने के कारण बंद हो गए हैं। वहीं, चारधाम यात्रा में गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा शुरू कर दी गई है। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा बुधवार से शुरू की जा रही है। वहीं, केदारनाथ धाम में सर्दी से एक साधु की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार लगातार हो रही बारिश से मंगलवार को नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लाक के झुतिया के राजस्व गाँव सकुना में एक मकान के कमरे में पीछे की ओर से अचानक मलबा घुस गया। कमरे में 10 मजदूर सो रहे थे। जिसमें से एक तो उठकर बाहर कूद गया। जिसकी हालत गम्भीर बतायी जा रही है। वहीं नौ मजदूरों की मलबे में दबकर मौत हो गई। सुबह ग्राम प्रधान सुरेश मेर ने घटना स्थल का जायजा लिया और प्रशासन की टीम को घटना की जानकारी दी। साथ ही ठेकेदार को भी सूचित कर बुलाया गया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से फोन पर बात कर राज्य के हालात की जानकारी ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि राहत कार्यों के लिए केंद्रीय एजेंसियों को भी सक्रिय करने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम से प्रदेश के हालात पर निगाह बनाए रहे। उन्होंने जिलों के अधिकारियों से प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। साथ ही वह वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने राहत व बचाव कार्यों के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। इसके बाद दोपहर को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। इस मौके पर आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत व डीजीपी अशोक कुमार भी साथ थे। बाद में रुद्रप्रयाग में सीएम ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से जिले की स्थिति व यात्रा की जानकारी ली।
गढ़वाल क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण के बाद जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से जनपद के साथ चारधाम यात्रा की स्थिति की ली जानकारी। देर सांय सीएम ने नैनीताल जनपद का भी लिया जायजा। सड़क मार्ग से पंतनगर से रूद्रपुर तत्पश्चात हल्द्वानी पहुंचे तथा अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। कुमांऊ क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण के बाद पंतनगर में जिलाधिकारी, वायुसेना एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत कार्यों के सम्बन्ध में की चर्चा की। सीएम ने कहा कि मृतक परिजन को 4 लाख रूपये की राहत राशि दी जाएगी। भवन क्षति, पशुधन क्षति आदि पर भी मानकों के अनुरूप सहायता राशि जल्द दी जाएगी। मौसम विभाग ने आज यानी मंगलवार 19 अक्टूबर को भी कुमाऊं के अधिकांश हिस्सों में बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड के पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी, चंपावत जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर अभी जारी रहेगा।
नैनीताल जिले के रामनगर के मोहान स्थित लेमन ट्री रिसोर्ट में कोसी नदी का पानी घुसा। रिसॉर्ट में करीब सौ लोग फंसे हैं। जिनमें पर्यटक और स्टाफ हैं शामिल हैं। मदद के लिए फिलहाल अभी कोई नही पहुँच पाया है। उधर चुकुम के प्रधान जस्सी राम ने बताया कि गांव में लगातार भू कटाव जारी है तीन मकान बह गए हैं, लोग जंगल की ओर शरण ले चुके हैं। बारिश से कार्बेट पार्क में जिप्सी सफारी के लिए बनाए गए कच्चे रूट के बह गए हैं। विभाग जंगल में निरीक्षण कर क्षतिग्रस्त रूटों की जानकारी जुटाकर नुकसान का आकलन करेगा। ऐसे में अभी पर्यटन शुरू होने में समय भी लग सकता है।टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल बह गया। नदी में पानी का वेग काफी तेज है।

अल्मोड़ा में मकान ध्वस्त तीन की मौत
अल्‍मोड़ा जिले में बारिश से भिकियासैंण तहसील के रापड गांव में पहाड़ी से मलबा आने के कारण एक मकान ध्‍वस्‍त हो गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। कुछ लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई। एसडीआरएफ की टीम मौके पर रेस्क्यू कर रही है। वहीं कपकोट के भनार गांव के एक युवक पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आ गया, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई है। अल्‍मोड़ा में हीरा डूंगरी नामक जगह पर एक मकान की दीवार गिरने से किशोरी अरुमा सिंह पुत्री त्रिलोक सिंह मलबे में दब गई। उसका शव बरामद कर लिया गया है। अल्मोड़ा जिले में बारिश के दौरान विभिन्न क्षेत्र में 10 मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
मंगलवार की तड़के भिकियासैंण के रापड गांव में मूसलधार बारिश से आधी रात के बाद करीब दो बजे आनंद सिंह नेगी (60 वर्ष) पुत्र मदन सिंह नेगी के मकान पर पहाड़ी से मलबा आ गिरा। वह कुछ समझ पाते तब तक मलबे से मकान क्षतिग्रस्त हो गया। आनंद सिंह नेगी की पत्नी उषा (55 वर्ष) ने भागकर जान बचाई। आनंद सिंह नेगी व उनके बड़े भाई गोवर्धन सिंह की लड़की के दो बच्चे तन्नू (12 वर्ष) पुत्र मदन सिंह, किरन (16 वर्ष) पुत्री मदन सिंह मलबे में दब गए। वे कुछ समय से नाना आनंद सिंह के यहां रह रहे थे। घटना के बाद एसडीआरएफ, पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई है। धौलादेवी के पास चीड़ का पेड़ गिरने से रोड अवरुद्ध हो गया था जिसे काटकर आवागमन हेतु चालू किया। यहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। होटल कलावती रिट्रीट गनियाद्योली रानीखेत में मलबा आने पर रानीखेत पुलिस द्वारा यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है।
दीवार गिरने से किशोरी की मौत
उधर, अल्‍मोड़ा में हीरा डूंगरी जगह पर एक मकान की दीवार गिर गयी। इससे एक किशोरी अरूमा सिंह पुत्री त्रिलोक सिंह मलबे में दब गई। पुलिस ने 15 मिनट में रेस्क्यू कर उसे निकाला। गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाये। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि चार लोगों की मौत हो गई है। राहत व बचाव कार्य जारी है। सड़कें सुचारु करने का कार्य जारी है।
पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से युवक की मौत
उधर, बागेश्वर जिले में कपकोट के भनार गांव के एक युवक पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई है। प्रधान ने घटना की सूचना पुलिस को दी है। घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। शामा बाजार से सामान लेकर घर लौट रहे भनार गांव निवासी गिरीश चन्द्र सिंह पुत्र गोविन्द सिंह उम्र 37 वर्ष रास्ते में पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आ गया।

गौला पुल की सड़क बही
हल्द्वानी में इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला के नए पुल की सड़क भारी बारिश की वजह से गायब हो गई। गौलापार व चोरगलिया के हजारों लोगों के अलावा खटीमा व उत्तर प्रदेश की गाडियां तक इससे होकर गुजरती थी। पुल का बड़ा हिस्सा गायब होने की वजह से फिलहाल पुलिस-प्रशासन ने बैरिकेड लगा रास्ते को बंद कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट व तहसीलदार ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा भी लिया।

रेल की पटरी उखड़कर नदी में बही
नैनीताल जिले में तीन दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश से रेलवे स्टेशन को भी गंभीर क्षति पहुंची है। गौला नदी ने रौद्र रूप दिखाते हुए रेलवे स्टेशन की पटरी को भी उखाड़ दिया है, जो बह कर नदी में चला गया है। ऐसे में ट्रेनों का आवागमन भी प्रभावित हो गया है। वहीं कई ट्रेनों को स्‍थगित करने के साथ, कई को शार्ट टर्मिनेट किया गया है। भारी बारिश के चलते काठगोदाम रेलवे स्टेशन की करीब 100 मीटर पटरी नदी में बह गई है। जिससे रेलवे स्टेशन प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर केएन पांडे ने बताया कि सोमवार की देर शाम से ही गोला नदी उफान पर थी। जिससे खतरे की संभावना बनी हुई थी। सोमवार की देर रात काठगोदाम स्टेशन के आगे रेलवे ट्रैक के पास तक पानी पहुंचने लगा और पटरी को नुकसान होने लगा।
एक दिन पहले पौड़ी में हुई थी तीन मौत
एक दिन पहले पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल प्रखंड में भारी बरसात के चलते गिरे मलबे में दबने से दो नेपाली महिला मजूदरों समेत एक बच्ची की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि अन्य दो घायल हुए है। प्रखंड के लैंसडौन-गुमखाल मोटर मार्ग में ग्राम समखाल के निकट भारी बरसात के चलते पहाड़ी से मलबा गिरने लगा। घटना स्थल के निकट ही काम कर रहे मजदूर सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। मलबा झोपड़ी के ऊपर गिरने के कारण झोपड़ी में रहने वाली समूना (50) पत्नी नियाज हाल निवासी समखाल, सपना(40) पत्नी लिंगडा और अलीसा(चार साल) पुत्री सपना की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, निजाज पुत्र मुमताज (55) हाल निवासी समखाल और सविया (16) पुत्री नियाज घायल हुए है।
घायलों को उपचार के लिए 108 आपातकालीन सेवा से प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जयहरीखाल में भर्ती करवाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को कोटद्वार के लिए रेफर कर दिया गया। सभी मजदूर समखाल में निर्माणाधीन एक होटल में कार्य कर रहे थे। सोमवार को बरसात तेज होने की बजह से मजदूर अपनी झोपड़ी में ही थे। भारी बरसात के चलते गिरे मलबे से मजदूर तो बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन महिला और मासूम की अंदर ही मलबे में दबने के कारण मौत हो गई।
चंपावत में मां और बेटे की मौत
रविवार को चंपावत के सेलाखोला गांव में आवासीय मकान के मलबे की चपेट में आने से एक महिला व उसके बेटे की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी के बाद तत्काल रेस्क्यू शुरू कर दिया गया। काफी मशक्कत के बाद महिला और उसके बेटे के शव को मलबे से निकाला जा सका। रविवार को 11:30 बजे के करीब सेलाखोला गांव में आनंद सिंह मौनी के आवासीय मकान और और कच्ची रसोई में मकान के पीछे करीब 20 मीटर की ऊंचाई से भारी मात्रा में मलबा गिर गया। मलबा अंदर घुसने से वहां मौजूद कलावती देवी (48) पत्नी आनंद सिंह मौनी और उसका पुत्र 17 वर्षीय आनंद सिंह मौनी दब गए। जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के वक्त आनंद सिंह मौनी किसी काम से बाजार गए हुए थे जिससे उनकी जान बच गई।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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