गलवान घाटी की झड़प में मरे थे 42 चीनी सैनिक, झड़प में शामिल सैनिक को ओलंपिक मशालवाहक बनाने पर भारत का विरोध
भारत के साथ चीन की 2020 में हुई गलवान घाटी की झड़प में चीन के 42 सैनिक मारे गए थे। वहीं, चीन से एक और बड़ी खबर आ रही है कि गलवान झड़प में घायल हुए सैनिक को विंटर ओलिंपिक का मशालवाहक बनाया जा रहा है।

एक ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़पेपर “द क्लाक्ज़ॉन” में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में गलवान घाटी में हुई झड़प में मरने वालों की संख्या बताई गई है। यह रिपोर्ट सोशल मीडिया के शोधकर्ताओं ने तैयार की है। भारत ने आधिकारिक तौर से घोषणा की थी कि गलवान में उसके 20 सैनिक मारे गए थे। यह भारत और चीन के बीच 1962 में हुई झड़प के बाद भारतीय सेना को हुआ सबसे बड़ा नुकसान था। अखबार में एक साल लंबी खोज-बीन के बाद तैयार की गई रिपोर्ट- गलवान डीकोडेड प्रकाशित की गई है।
भारत और चीन के बीच 15-16 जून की झड़प की शुरुआत में गलवान घाटी की तेज बहती नदी को पार करने की कोशिश में चीन के 38 सैनिक मारे गए। चीन के सैनिक ज़ीरो से नीचे के तापमान में अंधेरे में यह कोशिश कर रहे थे। चीन की तरफ से स्वीकार किए गए चार सैनिकों की मौत में से केवल एक – जूनियर सर्जेंट वांग जूरोन -की नदी में डूबने की खबर मिली। कई वीबो (Weibo) प्रयोगकर्ताओं ने कहा की चीन के 38 सैनिक वांग के साथ नदी में बह कर डूब गए थे।
आधिकारिक तौर पर घोषित सैनिकों में केवल वांग शामिल था। रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के बाद सैनिकों के शव को पहले शहीदों के स्थल शिकान्हे मार्टर सीमेटरी ले जाया गया और बाद में स्थानीय स्तर पर गांव-कस्बों में मारे गए सैनिकों का अंतिम संस्कार हुआ। इस इलाके में काम करने का दावा करने वाले वीबो यूज़र क़ियांग (Qiang) का रिपोर्ट में हवाला देकर कहा गया है कि चीन की सेना बफर जोन में निर्माण कार्य कर रही थी और अप्रेल 2020 से ही अपने पैट्रोलिंग क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश कर रही थी। यह आपसी समझौते का उल्लंघन था।
चीनी सेना PLA अपने वादे पर नहीं रही…और अपने निर्माण कार्य को तोड़ने की बजाए भारतीय सेना की तरफ से बनाया गया नदी पार करने का पुल उन्होंने तोड़ दिया। चीन ने झड़प के बारे में चर्चा को शांत करने के लिए हरसंभव कोशिश की। शिनजियांग मिलिट्री क्षेत्र की एक डिवज़न ने शिकान्हे मार्टर सीमेटरी ( Shiquane Martyr Cemetary) पर फूल चढ़ाने के लिए अधिकारियों और सैनिकों के जाने का एक कार्यक्रम बनाया था। इस मामले की जांच में चीन के ब्लॉगर्स, चीनी नागरिकों और मीडिया रिपोर्ट्स के बीच हुई चर्चा से जानकारी इकठ्ठा की गई है। अब इन्हें चीनी अधिकारियों ने डिलीट कर दिया है।
ओलंपिक मशालवाहक को लेकर विरोध
गलवान झड़प में घायल हुए सैनिक को विंटर ओलंपिक का मशालवाहक (Torchbearer) बनाने के चीन के फैसले के विरोध में भारत ने बड़ा फैसला किया है। भारत ने कहा है कि इस फैसले के विरोधस्वरूप बीजिंग में उसके शीर्ष अधिकारी विंटर ओलिंपिक में शामिल नहीं होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमने गलवान झड़प में घायल सैनिक को मशाल वाहक बनाने संबंधी रिपार्ट्स देखी हैं। यह वास्तव में खेदपूर्ण है कि चीनी पक्ष, खेलों का राजनीतिकरण कर रहा है। इसके विरोधस्वरूप, बीजिंग में हमारे चार्ज द अफेयर्स विंटर ओलिंपिक में भाग नहीं लेंगे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।