हरिद्वार के 32 सरकारी स्कूल रिलेक्सो फाउंडेशन के हवाले, देहरादून में साइंस सिटी के लिए केंद्र सरकार से समझौता
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में जनपद हरिद्वार में राजकीय विद्यालय अंगीकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आनन्द भारद्वाज एवं रिलेक्सो फाउंडेशन के गंभीर अग्रवाल के मध्य जनपद हरिद्वार के 32 स्कूलों के अवस्थापना सुविधाओं एवं रूपांतरण के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।
शासन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढ़ांचे और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से जनपद हरिद्वार में कॉर्पोरेट सेक्टर व गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से राजकीय विद्यालय अंगीकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नीति आयोग की ओर से हरिद्वार जनपद को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है। प्रमुख संकेतकों द्वारा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिला प्रशासन हरिद्वार द्वारा स्कूलों में शिक्षा और बुनियादी ढ़ाचे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नई पहल शुरू की गई है। इस पहल से शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में केपीआई में लक्ष्यों को प्राप्त करने एवं इसके लिए उठाये जा रहे कदमों पर ध्यान दिया जायेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सरकारी स्कूलों के अंगीकरण कार्यक्रम से स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार से प्रारम्भ हो रहा यह अभियान सबको गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में निश्चित रूप से मददगार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की बेहतरी के लिये कार्ययोजना बनायी गयी है। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिये राज्य के प्रत्येक ब्लाक में 2-2 अटल आदर्श विद्यालय स्थापित किये जाने की योजना है।
जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रथम चरण में जनपद के 939 सरकारी स्कूलों को विभिन्न कॉर्पोरेट समूहों द्वारा अपनाया जाना है। जिसमें 666 प्राथमिक, 170 उच्च प्राथमिक विद्यालय, 68 माध्यमिक और 35 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूलों के रूप में बदलने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सीएसआर के तहत कॉरपोरेट समूहों को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपर सचिव नीरज खेरवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आनन्द भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एचपी विश्वकर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक वीएस चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।
देहरादून में साइंस सिटी के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच समझौता
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में साइंस सिटी देहरादून के लिए उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) उत्तराखंड शासन एवं राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम ) के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
एनसीएसएम भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो देश में विज्ञान संग्रहालयों का निर्माण तथा संचालन करती है। साइंस सिटी देहरादून में विज्ञान धाम झाझरा में विकसित होगी। साइंस सिटी लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जायेगी। 173 करोड़ रूपये की इस परियोजना के लिए 88 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार एवं 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में बनने वाले साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। सबके सामुहिक प्रयासों से यह प्रोजक्ट समय से पहले पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखंड के वैशिष्ट्य को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकें। साइंस सिटी के लिए स्थान का चयन भी छात्र-छात्राओं एवं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत, भूगर्भीय जीवन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी, आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के साथ स्पेस थियेटर सहतारामंडल, हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर, एक्वेरियम, उच्च वोल्टेज व लेजर, आउटडोर साइंस पार्क, थीम पार्क, बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर उत्तराखंड आदि होंगे। साथ ही अन्य सुविधाओं के रूप में कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल आदि भी साइंस सिटी का हिस्सा होंगे।
साइंस सिटी प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संचार, लोकव्यापीकरण तथा नवप्रवर्तन की दिशा में विद्यार्थियों, शिक्षकों, आम नागरिकों एवं पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण तथा आकर्षण का केन्द्र होगी। केंद्र सरकार की स्पोक्स योजना के तहत क्षेत्र्रीय विज्ञान केंद्र देहरादून के साइंस सिटी देहरादून में उन्नयन के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। इस सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डेलीगेटेड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (डीआईबी) की मंजूरी भी साइंस सिटी देहरादून के लिए अप्रैल 2020 में प्राप्त हो गई थी।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री आरके सुधांशु, एनसीएसएम के भूतपूर्व महानिदेशक गंगा सिंह रौतेला, निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम डॉ. अजंन रे, अपर सचिव विजय यादव, अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा, डॉ. प्रकाश चौहान आदि उपस्थित थे।
उन्नत प्रजाति के आस्ट्रेलियन टीक व काली मिर्च की खेती का प्रस्तुतिकरण
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष सचिवालय में राज्य में उन्नत प्रजाति के आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च के पौधों की खेती के प्रोत्साहन के लिए प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। राज्य में इसको बढ़ावा देने के लिए और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय। इसका बहुआयामी उपयोग किस तरह किया जा सकता है। इसकी भी जानकारी दी जाय।
आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च खेती को बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र में कार्य कर रहे छत्तीसगढ़ विशेषज्ञ कृषक छत्तीसगढ़ डॉ. राजाराम त्रिपाठी एवं ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान रूद्रपुर के अधिशासी निदेशक हरीश चन्द्र कांडपाल ने प्रस्तुतीकरण दिया। राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च खेती उत्तराखण्ड में गेम चेंजर हो सकती है। इस खेती में मेहनत भी कम है और अधिक आमदनी अर्जित की जा सकती है। राज्य में इस क्षेत्र में कार्य करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। रुद्रपुर में ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान द्वारा आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च की खेती की शुरूआत की गई है। इसके अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव हरबंस सिंह चुघ, अपर सचिव वन्दना, निदेशक सगंध पौध केन्द्र डॉ. नृपेन्द्र चौहान एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
परिवहन निगम को मुख्यमंत्री ने स्वीकृत किये 24.72 करोड़
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परिवहन विभाग के तहत उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित निगम की बस सेवाओं से होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति के लिए रूपये 24.72 करोड़ रूपये स्वीकृत किये हैं।
विभिन्न विद्यालयों के निर्माण कार्यों को 3.56 करोड़ की धनराशि
मुख्यमंत्री ने आदर्श राजकीय इण्टर कॉलेज देवलीखेत, अल्मोड़ा में समेकित प्रयोगशाला के निर्माण को 87.13 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 34.852 लाख स्वीकृत किये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय इण्टर कॉलेज वाण के भवन एवं 04 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण हेतु 185.32 लाख की धनराशि स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण (पौड़ी गढ़वाल) के भवन निर्माण कार्यों के अवशेष कार्यों के लिए 48.61 लाख स्वीकृत किये हैं।
विभिन्न सड़कों के निर्माण को 24.80 करोड़ की स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र घनसाली के विकासखण्ड भिलंगना के 02 मोटर मार्गो के प्रथम चरण के निर्माण को रूपये 24.76 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जनपद देहरादून के कैण्ट विधानसभा में अनुराग चौक से सीमाद्वार व अनुराग चौक से शहीद विवेक गुप्ता चौक तथा अन्य आंतरिक मार्गों का सुधारीकरण हेतु स्वीकृति दी है। उन्होंने उधम सिंह नगर में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सी0सी0 मार्ग बनाये जाने से सम्बन्धित 04 कार्यो हेतु 17.11 लाख स्वीकृत किये हैं।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र बीएचईएल रानीपुर के 05 निर्माण कार्यो के लिए 174.88 लाख रूपये स्वीकृत किये है। जनपद बागेश्वर के विधान सभा क्षेत्र कपकोट के अंतर्गत प्रथम चरण के दो निर्माण कार्यो को 31.28 लाख रूपये की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक कल्याण विभागान्तर्गत कब्रिस्तान में चाहरदीवारी योजनान्तर्गत कुल 18 निर्माण कार्य हेतु 6.60 करोड़ रूपये स्वीकृत किये हैं।
मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास के लिए स्वीकृत हुए 14.19 करोड
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों के विकास हेतु मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास के लिए 14.19 करोड स्वीकृत की है।
पेयजल एवं स्वच्छता कार्यक्रमों के लिये 14.68 करोड़
जनपद देहरादून की शाखा पित्थूवाला के अन्तर्गत गीतांजली एन्क्लेव में ट्यूबवैल व ओवरहैड टैंक के निर्माण एवं राईजिंग मेन बिछाने के कार्य हेतु 490.97 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी है। नगर निगम ऋषिकेश सीमान्तर्गत डम्पिंग जोन/लीगैसी वैस्ट के प्रसंस्करण एवं निस्तारण हेतु 865 लाख की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जनपद हरिद्वार के विधानसभा क्षेत्र झबरेड़ा में कृष्णानगर व सलेमपुर नालों के निर्माण हेतु 96.59 लाख की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जिला कारागार अल्मोड़ा में सीवर लाईन संयोजन हेतु 15.03 लाख की स्वीकृति दी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।