सिलक्यारा टनल में फंसने वाले श्रमिक गब्बर सिंह नेगी के घर पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ. अग्रवाल, किया सम्मानित, भेंट किए पहाड़ी व्यंजन
1 min readउत्तराखंड के वित्त व शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिको में से एक और अन्य श्रमिकों की हौसला अफजाई करने वाले गब्बर सिंह नेगी के निवास पहुंचे। उन्होंने नेगी को सम्मानित किया। इस दौरान डॉ अग्रवाल ने उन्हें पहाड़ी व्यंजन अरसे भेंट किये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रविवार को गब्बर सिंह के लालपानी बिशनपुर स्थित निवास पर मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे। डॉ अग्रवाल ने कहा कि गब्बर सिंह नेगी ने टनल के अंदर फंसे श्रमिकों को मनोबल को बढ़ाकर साहस भरा कार्य किया है। कहा कि गब्बर सिंह नेगी उत्तराखंड के गौरव हैं। कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने श्रमिकों से बातचीत के दौरान गब्बर सिंह नेगी के मुश्किल घड़ी में श्रमिकों में जीने की उम्मीद जगाने को भी सराहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ अग्रवाल ने श्रमिकों के साहस, मनोबल और परिजनों के धैर्य के साथ ही रेसक्यू अभियान में शामिल सभी एजेंसियों व कार्मिकों की अनथक मेहनत को इस अभियान की सफलता का आधार बताया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के अभियान पर निरंतर नजर रखे हुए थे और वह श्रमिकों की कुशलता को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में श्रमिकों के अनमोल जीवन को बचाने की सरकार की वचनवद्धता और परिजनों के साथ ही जनता द्वारा जताए गए अटूट विश्वास ने इस बेहद जटिल, चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरे बचाव अभियान को कामयाब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान डॉ अग्रवाल ने गब्बर सिंह को पटका पहना व पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही पहाड़ी व्यंजन अरसे भी भेंट किये। इस मौके पर गब्बर सिंह नेगी की माता बचुली देवी, पत्नी यशोदा देवी, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, तहसीलदार सुधा डोभाल आदि उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। 24 नवंबर से मशीन से खुदाई ठप हो गई थी। इसके बाद हाथ से खुदाई की गई और मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया। हाथ से खुदाई को ही रैट माइनिंग कहा जाता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।