एम्स में अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया कैडेवरिक कार्यशाला में 20 छात्रों ने लिया प्रशिक्षण
एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के तत्वावधान में अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया कैडेवरिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें एनेस्थीसिया के 20 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

संस्थान के संकायाध्यक्ष (अकादमिक) प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने विभिन्न चिकित्सा विशिष्टताओं में अल्ट्रासाउंड तकनीक के बढ़ते महत्व के बारे में अवगत कराया। कार्यशाला में प्रतिभागी एनेस्थीसिया के छात्रों को शरीर के विभिन्न अंगों के क्षेत्रीय (एनेस्थीसिया) के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही उन्हें कैडवरो पर प्रयोग करके भी दिखाया गया।
बताया गया कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को स्थानीय संवेदनाहरण के विभिन्न गुणों से अवगत कराना है। साथ ही उन्हें अल्ट्रासाउंड के प्रयोग के बारे मे भी जानकारी देना है। लिहाजा इस तरह की कार्यशाला प्रशिक्षणार्थी छात्रों को सर्जरी के दौरान इस प्रतिक्रिया का उपयोग करने में मददगार होगी। इस अवसर पर एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. संजय ने कार्यशाला में कैडवरो को उपलब्ध कराने के लिए एनॉटमी विभागाध्यक्ष प्रो. बृजेंद्र सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यशाला की आयोजन समिति में प्रतिभाग करने वाले संकाय सदस्यों में एचओडी एनेस्थिसियोलॉजी व आयोजन अध्यक्ष प्रो. संजय अग्रवाल, आयोजन सचिव डॉ. मृदुल धर, आयोजन सहसचिव डॉ. प्रवीण तलवार, संसाधन संकाय डॉ. वाईएस पयाल, डॉ. देबेंद्र त्रिपाठी, डॉ. अंकित, डॉ. अजय, डॉ. अजीत, डॉ. गौरव, डॉ. दीपक, डॉ. भावना, डॉ. भारत भूषण, डॉ. मुकेश सिंगला, डॉ. सोनल सरन शामिल रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।